१) बात अठन्नी की"कहानी में हमारे देश में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं न्याय-व्यवस्था पर करारा व्यंग्य किया गया है, स्पष्ट करें
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१) बात अठन्नी की"कहानी में हमारे देश में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं न्याय-व्यवस्था पर करारा व्यंग्य किया गया है, स्पष्ट करें
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O बात अठन्नी की"कहानी में हमारे देश में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं न्याय-व्यवस्था पर करारा व्यंग्य किया गया है, स्पष्ट करें।
► ‘बात अठन्नी की’ की कहानी ‘सुदर्शन’ द्वारा लिखित कहानी है।
‘बात अठन्नी की’ कहानी के आधार पर हम कह सकते हैं कि वर्तमान न्याय व्यवस्था भेदभाव से भरी हुई है। वर्तमान न्याय व्यवस्था में निष्पक्ष और सच्चे न्याय की आशा करना व्यर्थ है। सच्चा न्याय के लिये आवश्यक है कि सभी पक्षों को समान भाव से देखा जाये और उसमें अमीरी-गरीबी या ऊँच-नीच भेद-भाव न हो। परन्तु वर्तमान न्याय व्यवस्था में ऐसा नही होता है। यहां पर यदि कोई गरीब है तो उसके एक मामूली से अपराध पर उसे बहुत बड़ी सजा हो जाती है, जबकि बहुत से धनवान, बाहुबली और दबंग लोग अनेक प्रकार के अपराध या घोटाले करके भी साफ बच निकल जाते हैं या उन्हें मामूली सी सजा ही होती है। न्यायपालिका और शासन-प्रशासन भी अमीर और सामर्थ्यवान लोगों का ही साथ देते हैं।
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‘बात अठन्नी की’ इस पाठ से संबंधित कुछ अन्य प्रश्न—▼
वक्ता कौन है ? उसका परिचय दीजिए। उसने उपर्युक्त वाक्य किस संदर्भ में कहा है?
brainly.in/question/25846113
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रमजान की आँखों में कब और क्यों खून उतर आया?
brainly.in/question/11296711
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Answer:
उत्तर : इस कहानी में लेखक ने समाज में व्याप्त रिश्वतखोरी एवं भ्रष्टाचार जैसी बुराई को प्रकट करने का प्रयास किया है। समाज के उच्च तथा प्रतिष्ठित पदों पर आसीन लोग रिश्वत लेकर भी सम्मानित जीवन व्यतीत करते हैं जबकि एक निर्धन व्यक्ति केवल अठन्नी की हेरा-फेरी करने के जुर्म में छह महीने का कारावास भोगने पर मजबूर है।