संत कबीर ने गुरु और ईश्क की तुलना किस तरह की है
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Answer:
संत कबीर ने गुरु को ईश्वर से श्रेष्ट बताया है, क्योंकि ईश्वर तक पहुंचने का रास्ता गुरु के ज्ञान के द्वारा ही मिल सकता है।
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प्रश्न :
संत कबीर ने गुरु और ईश्वर की तुलना किस प्रकार की है तथा इस दोहे के माध्यम से क्या सीख दी है?
उत्तर :
कबीर दास जी गुरु और ईश्वर की तुलना करते हुए कहते हैं कि अगर मेरे सामने गुरु और भगवान दोनों खड़े हो जाएं तो मुझे किसके चरण स्पर्श पहले करनी चाहिए। इस दोहे के माध्यम से कबीर दास जी हमें यह सीख देते हैं कि हम गुरु का आदर और सम्मान करना चाहिए इस दोहे में कबीर जी गुरु के स्थान को ईश्वर से अधिक बताते हैं । गुरु हमारे लिए सर्वोपरि है ।