प्र.1 कैबिनेट मंत्री कौन हैं
प्र.2 स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री और राज्य मंत्री कौन है
प्र.3 कार्यपालिका क्या है कार्यपालिका की संरचना के बारे में बताएं
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प्र.1 कैबिनेट मंत्री कौन हैं
प्र.2 स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री और राज्य मंत्री कौन है
प्र.3 कार्यपालिका क्या है कार्यपालिका की संरचना के बारे में बताएं
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Answer:
1.केन्द्रीय मंत्रिमंडल, भारत गणराज्य में कार्यकारी अधिकार का प्रयोग करता हैं। इस में वरिष्ठ मंत्री सम्मिलित होते हैं, जिनका नेतृत्व प्रधानमंत्री करते हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल नामक एक छोटी कार्यकारी निकाय, भारत में सर्वोच्च निर्णय लेने की संस्था हैं। केवल प्रधानमंत्री और कैबिनेट मंत्री ही कैबिनेट के सदस्य होते हैं।
2.मंत्री पद की शपथ के लिये व्यक्ति को दोनो सदनो में से किसी की सदन का सदस्य होना अनिवार्य है अथवा 6 महिने के अन्दर किसी भी सदन का सदस्य बनना पडता है ।
राज्यमंत्रीी एक केबिनेट मंत्री के सहायक के रूप में कार्य करता है और कैबिनेट के मीटिंग में भाग नही ले सकता परन्तु सुविधाये उसे मंत्री वाली ही मिलती है जबकि स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्रीी विभाग का स्वतंत्र प्रभारी होता हो और जरूरत पडने पर कैबिनेटकी मीटिंग में अपनी बात रख सकता है
3.साधारण अर्थ में कानूनों का क्रियान्वयन करने वाली संस्था कार्यपालिका कहलाती है। आज इसका अर्थ सीमित और व्यापक दोनों अर्थों में किया जाता है। आधुनिक राज्यों के कल्याणकारी स्वरूप ने कार्यपालिका के साथ नौकरशाही को भी मिला दिया है। सीमित अर्थ में तो राज्य के प्रधान तथा उसके मन्त्रीमण्डल को ही कार्यपालिका कहा जाता है। व्यापक अर्थ में कार्यपालिका के अन्तर्गत नीति को अमली जामा पहनाने वाले प्रशासकीय अंग भी शामिल हो जाते हैं। कार्यपालिका को कुछ विद्वानों ने सीमित और व्यापक दोनों अर्थों में निम्न प्रकार से परिभाषित किया है :-
मेक्रिडीस के अनुसार - “राजनीतिक कार्यपालिका, राजनीतिक समाज के शासन के लिए औपचारिक उत्तरदायित्व निभाने वाली संस्थागत व्यवस्थाएं हैं।”
गिलक्राइस्ट के अनुसार -”कार्यपालिका सरकार का वह अंग है जो कानून के रूप में अभिव्यक्त जनता की इच्छा को कार्य में परिणत करती है। यह वह धुरी भी है जिसके चारों ओर राज्य का वास्तविक प्रशासन घूमता है।”
लाल पालोम्बारा के अनुसार -”कार्यपालिका से आशय मुख्य कार्यपालक, विभागों के अध्यक्ष तथा सरकारी सोपान में उच्चतम स्तर के सार्वजनिक प्रशासकों से है। इसमें वे व्यक्ति, सिविल कर्मचारी तथा अन्य लोग जो मुख्य कार्यपालक की मदद के लिए भर्ती किए जाते हैं, शामिल होते हैं।”
गार्नर के अनुसार- “व्यापक तथा सामूहिक अर्थ में कार्यपालिका के अन्तर्गत वे सभी अधिकारी, राज्य कर्मचारी तथा एजेन्सियां आ जाती हैं जिनका कार्य राज्य की इच्छा को, जिसे विधानमण्डल ने प्रकट कानून का रूप दे दिया है, कार्य रूप में परिणत करना है।”
Explanation:
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