निम्नलिखित पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार बताइए
1. फूले कास सकल महि छाई। जनु बरसा रितु प्रकट बुढ़ाई॥
2 ज्यों-ज्यों बूढे स्याम रंग, त्यों-त्यों उज्ज्वल होय।
3. तापस बाला-सी गंगा कूल। 4. गर्व करे रघुनंदन जिन मन माँहा,
देखी आपन मूरति सिय के छाँह।
5. मेरा मन अनत कहाँ सुख पावै, जैसे उड़ि जहाज को पंछी फिर जहाज पर आवे, कमल नैन (न) को छाँड़ि महातम और देव को ध्यावे॥
12. यह देखिए, अरविंद से शिशुवृंद कैसे सो 13. इस काल मारे क्रोध के तनु काँपने उनका लगा मानो हवा के जोर से सोता हुआ सागर, जगा
14. मो सम कौन कुटिल खल कामी। 15. रहिमन जो गति दीप की, कुल कपूत गति मंत्र ।
बारे उजियारे लगै, बढ़े अँधेरो होय॥ 16. सब प्राणियों के मत्त मनोमयूर अहा नाच सा। 17. वह इष्ट देव के मंदिर की पूजा-सी, वह दीप शिखा-सी शांत भाव में लीन,
वह टूटे तरु की छूटी लता-सी दौन,
दलित भारत की विधवा है।
18. राम नाम अवलंबु बिनु, परमारथ की आस, बरसत बारिद बूंद गहि, चाहत चढ़न अकास 19. तीन बेर खाती थी वे तीन बेर खाती हैं। 20. चरर मरर खुल गए अरर रवस्फुटों से।
6. बीती विभावरी जाग री।
अंबर-पनघट में डुबो रही तारा-घट-उप-नी 7. बाँधा था विधु को किसने, इन काली जी की हे
8. कनक-कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय। या खाए बौरात नर, वा पाए बौराय।
9. चरण-कमल बंदौ हरि राई। 10. उधो, मेरा हृदय तल था एक उद्यान न्या। शोभा देतीं अमित उसमें कल्पना-क्यारियाँ की। 11.
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फूले कास सकल महि छाई जनु बरसा रितु प्रकट बुढाई
1)
उपमा
2) answer
उत्प्रेक्षा
3)
रुपक
4)
श्लेष