1. शहरीकरण ने जंगलों को उजाड़कर पशु पक्षियों के आश्रय को समाप्त कर दिया है । क्या आपको दृष्टि में मानव का
यह कदम उचित है। (60 - 80 शब्दों में विचार प्रस्तुत करो)
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1. शहरीकरण ने जंगलों को उजाड़कर पशु पक्षियों के आश्रय को समाप्त कर दिया है । क्या आपको दृष्टि में मानव का
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Explanation:
गुरुग्राम के आसपास अरावली पशु-पक्षियों को आसरा देती रही है। शहरीकरण के असर से अरावली पर अतिक्रमण, प्राकृतिक जल स्त्रोत का खत्म होना है। पर्यावरणविदों के मुताबिक अरावली से प्राकृतिक रूप से जो पानी बहकर जमा होता था, वह खत्म हो गया। वन्य जीव पानी की तलाश में शहर की ओर भागने लगे हैं। गुरुग्राम का शहरीकरण अरावली में पलने वाले पशु पक्षियों पर भारी पड़ा है। पानी की कमी, वनस्पति की कमी, अनाज उगाने में खाद का प्रयोग, यह सब पालतू और वन्य दोनों तरह के जीवों के लिए खतरा बना है। गर्मी के दिनों में शहर के स्ट्रीट डॉग तक खूंखार हो रहे हैं। जिला अस्पताल में गर्मी के मौसम में रोजाना 100 से 150 कई बार 200 कुत्ता काटने के कारण लोग पहुंचते हैं। जानवरों के डॉक्टर एसपी गौतम के अनुसार कुत्तों को जब पानी नहीं मिलता तो वे मनुष्यों को काटने लगते हैं। उनके लिए छायादार जगह पर मिट्टी के बर्तन में पर्याप्त पानी रखे जाने की जरूरत है।
समस्या की जड़ों में जाना होगा
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