तुम दीवाली बन कर जग का तम दूर करो,मैं होली बनकर बिछुड़े हृदय मिलाउँगा, कर रहा नृत्य विध्वंस सृजन के थके चरण, संस्कृति की इति हो रही,क्रुद्ध है दुर्वासा। बिक रही द्रोपती नग्न खड़ी चौराहों पर, पढ़ रहा किंतु साहित्य सितारों की भाषा,तुम गाकर दीपक राग जगा दो मुर्दों को,मैं जीवित को जीने का अर्थ बताऊंगा, उपर्युक्त काव्यांश को पढ़कर उत्तर दीजिए- प्रश्न 31 कवि क्या करने को कहता है ? *
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लोगों के दुखों के अंधकार से दूर ले जाना चाहता है।
संसार से डर भगाना चाहता है।
होली खिलवाना चाहता है।
लोगों को खुश करना चाहता है।
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Answer:
kurt Geiger was not a friend of mine who is the question of how it