150 शब्दों में निबंध लिखिए :
“हमारे त्योहार”
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Answer:
भारत वर्ष में पूर्व-त्यौहार सर्वत्र मनाए जाते हैं| छोटे-बड़े इतने अधिक त्यौहार है की हर महीने कोई न कोई पर्व या त्यौहार पड़ता ही रहता है|
हमारे परम्परागत त्यौहार, जिन्हें धार्मिक, सांस्कृतिक या सामजिक त्यौहार कहते हैं, देश के कोने-कोने में मनाए जाते हैं| उनमें उत्तर-भारत में होली, दिवाली, दशहरा, रक्षाबन्धन, बंगला की दुर्गापूजा, राजस्थान का गणगोर, आसाम का बिहू, महाराष्ट्र का गणेशोत्सव, मुद्रास का पोंगल और ओणम, पूरी की रथयात्रा, गुजरात का नवरात्र विशेष प्रसिद्ध है| त्यौहार का सम्बन्द ऋतू, पप्रकुर्ती, धर्म, संस्कृति या समाज से होता है|
होली को बसंतोत्सव कहते हैं| बसंत ऋतू में जब पेड़-पौधों में भी समरसता आ जाती हैं, तब मनुष्य का क्या कहना, इसलिए होली जोश और आनन्द का त्यौहार है, होली के समय रबी की फसल तैयार ही जाती है, इसलिए इसका महत्त्व और बढ़ जाता है|
दीपावली भगवान रामचन्द्र की दिग्विजय के उपलक्ष्य में मनाया जानेवाला स्वागत-पर्व है|लक्ष्मी-पूजा और नववर्ष इसे सर्वश्रेष्ठ त्यौहार बना देते हैं| दशहरा विजय-यात्रा का पर्व है| इस समय खरीफ फसल तैयार हो जाती है, जिससे विजय दशमी का उत्सव दुगुना हो जाता है| रक्षाबन्धन या नारियल-पोर्णिमा सांस्कृतिक पर्व है, बहन-भाई को राखी बाँधती है| महिला किसी पुरुष को राखी बाँधकर उसे अपना भाई बना लेती है| मेवाड़ की महारानी कर्मावती देवी ने मुगल सम्राट हुमायुँ को रखी भेजकर भाई बनाया था| उस भाई ने बहादुर शाह के विरुद्ध बहन की एतिहासिक सहायता की थी|
दुर्गा-पूजा शक्ति की उपासना है| गणेशोत्सव को लोकमान्य तिलक ने राष्ट्रिय त्यौहार का रूप देकर अंग्रजों के विरुद्ध स्वतन्त्रता की लढाई लड़ी थी| इस प्रकार हिन्दुओं के त्योंहारों का धर्म, संकृति, समाज आदि से सम्बन्ध है|
ईसाईयों का प्रधान त्यौहार क्रिसमस या बड़ा दिन है| इसे महाराष्ट्र में "नाताल" कहते हैं| इस दिन ईसाई धर्म के प्रवतर्क प्रेम, शांति और अहिंसा के अवतार प्रभु येसु ख्रिस्त (ईसा मसीह) ने जन्म लिया था| उनका जन्म गौ शाला में हुआ था| जिस प्रकार जन्मष्टमी को भगवन कृष्ण के जन्म को नववर्ष, गुड फ्राइडे (पवित्र शुक्रवार) ईस्टर आदि है|
मुसलमानों के त्योहारों में "ईद" या ईद-उल-फितर का बड़ा महत्त्व है| पवित्र महीना रमजान में मुसलमान भाई "रोजा" रखते हैं| दिन भर कुछ खाते-पीते नहीं है, उपवास रखते हैं| सूर्यास्त होने पर नास्ता करते हैं और रात में हलका भोजन करते हैं| इस साधना का व्रत एक महीना चलता है| फिर दूजा या ईद का चाँद दिखाई पड़ता है और बड़े हर्ष से यह त्यौहार मनाया जाता है| ईद की नमाज में बड़े पैमाने पर लोग शामिल होते हैं| दूसरा त्यौहार मुहर्रम है| यह शोक-पूर्व है| हजरत अली के दो पुत्र इजरत हसन और हुसेन के करबला के मैदान में पानी के अभाव में कल्ल कर दिया गया था| इस शोक-पूर्व में ताजिया रखा जाता है| गदका, फरी, खेल-कूद, युद्धप्रदुश्य दिखाया जाता है| स्त्रियाँ जारी (शोक-गीत) गाती है| पुरुष छाती पिट-पिट कर “हाय हुसैन, हाय हुसैन" कहते हैं, रोते-पिटते-चिल्लाते हैं| यह दृश्य बड़ा करुण होता है| मु
सलमानों के त्यौहार ईदुज्जहा, शबेरात आदि हैं|
इन प्रमुख धर्मों के अतिरिक्त जैनियों की महावीर जयन्ती और पर्युषण एवं, बौद्धों की बुद्ध जयन्ती मुख्य पर्व है| सिख लोग की गुरुनानक जयन्ती बड़े उत्साह से मानते हैं| इसके अतिरिक्त वे बलिदान-दिवस मनाते है|
उपर्युक्त धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहारों के सिवाय २ अक्तूबर गांधी जयन्ती, १ अगस्त तिलक जयन्ती, १४ नवम्बर बाल-दिवस, १५ अगस्त स्वाधीनता दिवस, २६ जनवरी गणतन्त्र दिवस हमारे राष्ट्रिय त्यौहार है, जिन्हें उत्साहपूर्वक मनाया जाता है और राष्ट्रिय झंडा फहराया जाता है|
ये सभी पर्व-त्यौहार हमारे जीवन को प्रति वर्ष प्रेरणा देते हैं , जिसमें हमें धार्मिक, सांस्कृतिक सामाजिक और आदर्शो के परिपूर्ण नागरिक बन सकें|