श्री लपकानन्द की कैसी कविताओं से सारा शहर परेशान है?
बोरियत
बेतूकी
अफलातून
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Explanation:
जीवित रही माँ हम बदलते रहे अपने कंधे माँ आखिर माँ ही तो है बार-बार हमें कंधे बदलते देख हमारे कंधों से उतर गई माँ और माँ के कंधों से उतरते ही 20 उतर गए हमारे कंधे। मितें नितलिखित आशय कविता की किन-किन