'नेताजी का चश्मा' में नगरपालिका की कार्यपद्धति पर कौन सा व्यंग्य छिपा है?
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'नेताजी का चश्मा' में नगरपालिका की कार्यपद्धति पर कौन सा व्यंग्य छिपा है?
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Answer:
हास्य व्यंग्य । नगरपालिका देश प्रेम का ढोंग करते हुए नेता जी की मूर्ति बनाने का कार्य एक अनुभवहीन ड्राइंग मास्टर को सौंप देती है जो किसी तरह मूर्ति बना देता है पर बिना चश्मे के । इन के बावजूद लंबे समय तक नगर पालिका का कोई भी कर्मचारी मूर्ति पर चश्मा लगाने के लिए ' कैप्टेन ' को प्रोत्साहित नही करते ।
Answer:
नेताजी का चश्मा एक हास्य व्यंग्य कहानी है । कहानी के माध्यम से लेखक ने नगरपालिका की कार्यपद्धति पर करारा व्यंग्य करते हुए बताया है कि कहानी में नगरपालिका देश प्रेम का ढोंग करते हुए नेता जी की मूर्ति बनाने का कार्य एक अनुभवहीन ड्राइंग मास्टर को सौंप देती है जो किसी तरह मूर्ति बना देता है पर बिना चश्मे के ।नगरपालिका के किसी भी कर्मचारी ने मूर्ति बनने के बाद उसकी खोज - खबर नहीं ली | जब मूर्ति पर चश्मा लग भी जाता है तो मूर्ति पर चश्मा लगाने के लिए ' कैप्टेन ' को किसी भी प्रकार से प्रोत्साहित नही करते ।
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