2-निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्रों के उत्तर दीजिए।
नदेख रास्ता कठिन.ना सोच रात है कि दिन
सधे हुए कदम उठा, ना कोस एक-एक गिन।
तुझे बुला रही पथिक डगर अगम कठिन विषम,
ने लक्ष्य दूर है कहीं, उठा कदम बढ़ा कदम।
डगर निहारती तुझे. विजय पुकारती तुझे
बुला रही सगर्व सुन महान भारती तुझे।
उऔर वक्त है रहा प्रवीर रक्त तू बहा,
न शेष कुछ रहा जिसे तुझेन आज है कहा।
कइन काव्य पक्तियों में किस मार्ग पर कदम बढ़ाने के लिए किसे उत्साहित किया जा रहा है।
ख. रास्ते पर बढ़ते हुए पथिक से किन बातों की ओर ध्यान ना देने का अनुरोध किया गया है।
ग रास्ता भयानक और कठिन है-यह किन शब्दों द्वारा स्वीकार किया गया है।
बकवि ने किस प्रकार पथिक को स्वाभिमान और कर्तव्य का बोध कराया है।
नकोस एक-एक गिन कथन का आशय समझाइए।
Share
kavya main kathin maarg per kada badane ke liye manushya ko ootsahit ker raha hai
ek kous na ginte hooye aage badne ka anu rodh ketna
agam kathin visham
bakiv nepathik ko kaha tujhe vijay pukarti hai oose protsahit kiya hai
aage badte chal kadam matt gin