प्रश्न:-2) निम्न पदयांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
मेरा मांझी मुझसे कहता रहता था
बिना बात तुम नहीं किसी से टकराना
पर जो बार बार बाधा बनकर आए।
उनके सिर को वहीं कुचल कर बढ़ जाना
जानबूझकर मेरे पथ में आती है।
भाव सागर की चलती फिरती चट्टाने
मैं इनसे जितना ही बच कर चलता हूं।
उतनी ही मिलती है यह ग्रीवा ताने
रख अपनी पतवार कुदाली लेकर मैं।
तब मैं इनका उन्नत भाल झुकाता हूँ
राह बनाकर नाव बढ़ाए जाता हूं।
जीवन की नैया का चतुर खिवैया मैं
भावसागर में नाव बढ़ाए जाता हूं।
क) कवि अपने मार्गदर्शक को क्या कहता है ?
अ) पथ प्रदर्शक
आ) माझी
इ) नाविक
ई) मल्लाह
ख) कवि राह में आने वाली बाधाओं के साथ कैसा व्यवहार करता है ?
अ) हार मान लेता है।
आ) संघर्ष करता है
इ) सिर कुचल देता है
ई) परवाह नहीं करता है
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Answer:
1-majhee 2-sir kuchal deta hai