हास्य दिवस
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हास्य योग के अनुसार, हास्य सकारात्मक और शक्तिशाली भावना है जिसमें व्यक्ति को ऊर्जावान और संसार को शांतिपर्ण बनाने के सभी तत्व उपस्थित रहते हैं. विश्व हास्य दिवस का आरंभ संसार में शांति की स्थापना और मानवमात्र में भाईचारे और सदभाव के उद्देश्य से हुई.
विश्व हास्य दिवस की लोकप्रियता हास्य योग आंदोलन के माध्यम से पूरी दुनिया में फैल गई. आज पूरे विश्व में छह हजार से भी अधिक हास्य क्लब हैं. इस मौके पर विश्व के बहुत से शहरों में रैलियां, गोष्ठियां एवं सम्मेलन आयोजित किये जाते हैं.
इसमें जाति, धर्म, रंग, लिंग से परे रहकर मानवता को समन्वय करने की क्षमता है. हंसी विभिन्न समुदायों को जोड़कर नए विश्व का निर्माण कर सकते हैं. यह विचार भले ही काल्पनिक लगता हो, लेकिन लोगों में गहरा विश्वास है कि हंसी ही दुनिया को एकजुट कर सकती है.
नियमित रूप से खुलकर हँसना शरीर के सभी अवयवों को ताकतवर और पुष्ट करता है व शरीर में रक्त संचार की गति बढ़ जाती है तथा पाचन तंत्र अधिक कुशलता से कार्य करता है.
इन दिनों देश भर में तमाम हास्य कवि सम्मेलन, कॅामेडी शोस से लेकर छोटे-छोटे पर्दे पर हजारों की संख्या में कलाकार देश की आवाम को अपनी ओर आकर्षित करने के साथ- साथ दुख से भरे व्यक्ति को भी हशा-हशा कर उसका सुखी वाला पल याद दिला देते है.
कहा जाता हास्य कलाकार जब हशाने का काम करते है तो वह एक पुण्य का काम होता है जब हम बात करते हास्य कलाकारों की दुनियाँ में जीता जागता नाम भारत में कॅामेडी
के किंग कपिल शर्मा जिन्होंने करोडों लोगो का दिल जीता. वह इस समय पूरे विश्व में टॅाप कॅामेडीयन की सूची में है.
बगीचे में सुबह जोर-जोर से ठहाके लगाकर हंसने वालों की आज कमी नहीं। विश्व हास्य योग महासंघ के संस्थापक अध्यक्ष ओमप्रकाश गुप्ता कहते हैं कि हंसी से तनाव तो दूर होता है और तनाव की वजह से होने वाले रोग भी दूर हो जाते हैं।
आज कई शहरों में अधिक हास्य क्लब संचालित हो रहे हैं जिसकी वजह एक नहीं कई हैं। हंसी के द्वारा व्यक्ति न केवल सेहतमंद रहता है वरन् उनके व्यक्तित्व में भी बदलाव आता है। इंसान हंसने से चुस्त व सकारात्मक हो जाता है। हंसी तो ईश्वर द्वारा मानव को दिया सबसे बड़ा उपहार है।
हंसने से शरीर के सभी रिलेक्सेशन पॉइंट एक्टिवेट होते हैं, साथ ही हृदय और मस्तिष्क बेहतर कार्य करता है। हंसने से फेफड़े के हरेक भाग में प्राणवायु अच्छे से पहुंचती है, फेफड़ों का व्यायाम भी हो जाता है और रक्तसंचार भी अच्छे से होता है। डॉ. लोंढ़े बताते हैं कि एक बार वे बहुत व्यस्त थे और रोगियों की लंबी कतार लगी हुई थी। ऐसे में एक रोगी के साथ हुई हास्यास्पद चर्चा ने न केवल थकान दूर कर दी वरन् चिड़चिड़ाहट भी काफूर हो गई।