पक्षी किस प्रकार अत्यंत मेहनत करके अपना घरोंदा बनाते हैं तथा मनुष्य किस प्रकार अपनी स्वार्थवृत्ति के लिए उनके प्राकृतिक आवास (जंगलों)को नष्ट कर रहे हैं, इस विषय पर अपने विचार 100-120 शब्दों में लिखिए l
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पक्षी किस प्रकार अत्यंत मेहनत करके अपना घरोंदा बनाते हैं तथा मनुष्य किस प्रकार अपनी स्वार्थवृत्ति के लिए उनके प्राकृतिक आवास (जंगलों)को नष्ट कर रहे हैं, इस विषय पर अपने विचार 100-120 शब्दों में लिखिए l
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पक्षी किस प्रकार अत्यंत मेहनत करके अपना घरोंदा बनाते हैं तथा मनुष्य किस प्रकार अपनी स्वार्थवृत्ति के लिए उनके प्राकृतिक आवास (जंगलों)को नष्ट कर रहे हैं, इस विषय पर अपने विचार :
यह सत्य है , पक्षी तिनका-तिनका जोड़ कर , सारा दिन मेहनत करके अत्यंत मेहनत करके अपना घरोंदा बनाते है और मनुष्य अपने स्वार्थवृत्ति के लिए उनके प्राकृतिक आवास (जंगलों)को नष्ट कर रहे है | मनुष्य अपने लाभ के लिए पेड़ो को काट रहे है | अपनी प्रगति के लिए जंगलों को काटकर अपने घर बना रहे है | बड़े-बड़े कारखाने , उद्योग बना रहे है |
मनुष्य पर्यावरण को आए दिन दूषित कर रहा है | मनुष्य अपने लाभ के लिए गलत काम कर रहा है सब कुछ प्रकृति को भुगतना पड़ रहा है | पर्यावरण असंतुलन के खतरे के कारण बहुत सारे पक्षियों की जातियां खत्म होती जा रही है | पर्यावरण असंतुलन के खतरे के कारण बहुत सारे पक्षियों की जातियां खत्म होती जा रही है |
यदि मनुष्य ने यूं ही पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ जारी रखी तो शीघ्र की मौसम कहर बनकर टूट पड़ेगा और पृथ्वी पर जीवन खतरे में पड़ सकता है।