3. ईश्वर निर्विकार है, इसका क्या अभिप्राय है?
4. 'उसी की उपासना करनी योग्य है' का आशय बताइए।
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3. ईश्वर निर्विकार है, इसका क्या अभिप्राय है?
4. 'उसी की उपासना करनी योग्य है' का आशय बताइए।
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Answer:
3 ka ans ईश्वर निर्विकार है, इसका क्या अभिप्राय है
:ईश्वर शब्द ईश् धातु से बना है जिसका अर्थ है नियन्त्रण करना
Explanation:
परमेश्वर वह सर्वोच्च परालौकिक शक्ति है जिसे इस संसार का सृष्टा और शासक माना जाता है। हिन्दी में ईश्वर को भगवान, परमात्मा या परमेश्वर भी कहते हैं। अधिकतर धर्मों में परमेश्वर की परिकल्पना ब्रह्माण्ड की संरचना से जुड़ी हुई है। संस्कृत की ईश् धातु का अर्थ है- नियंत्रित करना और इस पर वरच् प्रत्यय लगाकर यह शब्द बना है। इस प्रकार मूल रूप में यह शब्द नियंता के रूप में प्रयुक्त हुआ है। इसी धातु से समानार्थी शब्द ईश व ईशिता बने हैं।[1]
Answer:
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