शहीदी-दिवस पर शहीदों को नमन करते हुए 30-10 शब्दों में संदेश लिखिए।
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शहीदों को नमन : शहीद दिवस
March 23, 2011
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में क्रांतिकारियों का एक अहम योगदान रहा है. आजादी की लड़ाई में क्रांतिकारी और नरमवादी दोनों का अपना ही योगदान रहा है. लेकिन अगर आजादी की इस लड़ाई में नरमपंथी और गरमपंथी दोनों मिलकर काम करते तो सकता था आजादी थोड़ा पहले मिल जाती. फिर भी क्रांतिकारियों को हमारे देश में बहुत ही सम्मान और इज्जत से देखा जाता है.
आजादी की लड़ाई में शहीद होने वाले क्रांतिकारियों में सबसे आगे भगतसिंह, सुखदेव ,राजगुरु, चन्द्र शेखर आजाद आदि हैं. आज 23 मार्च है यानि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक अहम दिन. शहीद दिवस के रुप में जाना जाने वाला यह दिन यूं तो भारतीय इतिहास के लिए काला दिन माना जाता है पर स्वतंत्रता की लड़ाई में खुद को देश की वेदी पर चढ़ाने वाले यह नायक हमारे आदर्श हैं.
दरअसल यह पूरी घटना भारतीय क्रांतिकारियों की अंग्रेजी हुकूमत को हिला देने वाली घटना की वजह से हुई. 8 अप्रैल 1929 के दिन चंद्रशेखर आज़ाद के नेतृत्व में 'पब्लिक सेफ्टी' और 'ट्रेड डिस्प्यूट बिल' के विरोध में 'सेंट्रल असेंबली' में बम फेंका. जैसे ही बिल संबंधी घोषणा की गई तभी भगत सिंह ने बम फेंका. इसके पश्चात क्रांतिकारियों को गिरफ्तार करने का दौर चला. भगत सिंह और बटुकेश्र्वर दत्त को आजीवन कारावास मिला.
भगत सिंह और उनके साथियों पर 'लाहौर षडयंत्र' का मुकदमा भी जेल में रहते ही चला. भागे हुए क्रांतिकारियों में प्रमुख राजगुरु पूना से गिरफ़्तार करके लाए गए. अंत में अदालत ने वही फैसला दिया, जिसकी पहले से ही उम्मीद थी. भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु को मृत्युदंड की सज़ा मिली.
23 मार्च 1931 की रात पराधीन भारत के तीन नायकों ने हंसी हंसी मौत की सूली को गले से लगा लिया. आज भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव तो हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी आवाज और सोच आज भी हमारे अंदर है. उनका मानना था कि सत्ता की नींद में सोई सरकार को जगाने के लिए एक धमाके की जरुरत होती है. ऐसे ही आज भी लगता है कि भ्रष्टाचार से लिप्त इस सरकार को जगाने के लिए एक धमाके की जरुरत है ताकि सत्ता का मजाक बनाने वाली यह सरकार अपनी नींद से जाग सके.
भारतीय राष्ट्रवाद के उन्नायकों से यही अपेक्षा थी और उन्होंने अपने सत्प्रयासों से इसे अंजाम भी दिया. आज भी देश को ऐसे राष्ट्रनायकों के पदचिन्हों का अनुसरण कर अपनी नीतियां बनाने की अनिवार्यता जान पड़ती है. देश की नई पीढियों को तो ऐसे महान क्रांतिकारियों के कार्यों और विचारों को आत्मसात करने की जरूरत है ताकि देश की बागडोर कर्तव्यनिष्ठ युवाओं के हाथ में सुरक्षित रहे.
Answer:
Thank you sis for following me
Have a nice day
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