भारत सरकार ने कुछ वर्ष पहले एक सर्वे करावा था । कि पता करो कि देश में सही में ग़रीबो की संख्या कितनी हैं?? क्यों कि पहले कोई कहता था कि 25 करोड़ हैं ,कोई कहता था कि 35 करोड़ हैं ,कोई कहता था कि 37 करोड़ हैं तो सर्वे कराया | सर्वे के लिये अर्जुन सेनगुप्ता को कहा गया ।अर्जुन सेनगुप्ता भारत के बहुत बड़े अर्थशास्त्री हैं । और इंदिरा गांधी के समय से भारत सरकार के आर्थिक सलाहकार रहे हैं । प्रोफेसर भी है। तो उन्होने 3,4 साल कि मेहनत के बाद संसद मे एक रिपोर्ट प्रस्तुत की । रिपोर्ट कहती है देश कि कुल आबादी 115 कारोड़ ।और एक 115 कारोड़ मे से 84 करोड़ 30 लाख लोग ऐसे है । जो एक दिन 20 रुपये भी खर्च नहीं कर पाते । 84 कारोड़ 30 लाख में से 50 कारोड़ लोग ऐसे हैं । जो एक दिन में 10 रुपये भी खर्च नहीं कर पाते । और 15 कारोड़ ऐसे है 5 रुपये भी रोज के नहीं खर्च कर पाते । और 5 कारोड़ ऐसे है 50 paise भी रोज के नहीं खर्च कर पाते । ये हमारे देश भारत की नंगी वास्विकता है कठोर सच्चाई है !(Google पर अर्जुन सेन गुप्ता रिपोर्ट सर्च कर देख लो सबूत) अब आप खुद विचार करें जिस देश में 84 करोड़ 30 लाख लोग मात्र रोज के 20 रूपये पर जिंदा हो उस देश को 2000 के नोट की क्या जरूरत है ??
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Explanation:iam sorry i dont know hindi