आपको एक डेयरी फार्म के लिए दुधारू भैंस खरीदनी है दुधारू भैंस के लक्षण लिखिए जिनको कराए करते समय ध्यान रखा जावे
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आपको एक डेयरी फार्म के लिए दुधारू भैंस खरीदनी है दुधारू भैंस के लक्षण लिखिए जिनको कराए करते समय ध्यान रखा जावे
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Explanation:
तिकोने आकार की गाय अधिक दुधारू होती है। ऐसी गाय की पहचान के लिए उसके सामने खड़े हो जाएँ। इससे गाय का अगला हिस्सा पतला और पिछला हिस्सा चौड़ा दिखाई देगा। शरीर की तुलना में गाय के पैर एवं मुंह-माथे के बाल छोटे होने चाहिए। दुधारू पशु की चमड़ी चिकनी, पतली और चमकदार होनी चाहिए। आँखे चमकली, स्पष्ट और दोष रहित होनी चाहिए। अयन पूर्ण विकसित और बड़ा होना चाहिए। थनों और अयन पर पाई जानी वाली दुग्ध शिराएँ जितनी उभरी और टेड़ी-मेडी होंगी पशु उतना ही अधिक दुधारू होगा। दूध दोहन के उपरांतथन को पूरी तरह से सिकुड़ जाना चाहिए। चारों थनों का आकार एवं आपसी दूरी समान होनी चाहिए। गाय/भैंस के पेट पर पाई जाने वाली दुग्ध शिरा जितनी स्पष्ट, मोटी और उभरी हुई होगी पशु उतना ही अधिक दूध देने वाला होगा। दुधारू पशु को खरीदते समय हमेशा दूसरे अथवा तीसरे ब्यांत की गाय/भैंस को ही प्राथमिकता देनी चाहिए। क्योंकि इस दौरान दुधारू पशु अपनी पूरी क्षमता के अनुरूप खुलकर दूध देने लगते हैं और यह क्रम लगभग सातवें ब्यांत तक चलता है। इसके पहले अथवा बाद में दुधारू पशु के दूध देने की क्षमता कम रहती है। दूसरे-तीसरे ब्यांत के पशु को खरीदते समय प्रयास यह होना चाहिए कि गाय/भैंस उस दौरान एक माह की ब्याही हुई हो और उसके नीचे मादा बच्चा हो। ऐसा करने से उक्त पशु के दूध देने की क्षमता का पूरा ज्ञान होने के साथ ही मादा पड़िया अथवा बछडी मिलने से भविष्य के लिए एक गाय/भैंस और प्राप्त हो जाती है, जोकि भविष्य की पूंजी है। दुधारू पशु को खरीदते समय लगातार तीन बार दोहन करके देख लें। क्योंकि व्यापारी चतुराई से काम लेते हैं और आपको पशु खरीदते समय मात्र एक बार सुबह अथवा शाम को ही दोहन करके दिखाएँगे। ऐसा करने से आप को प्रतीत होगा कि यह पशु अधिक दूध देने वाला है, लेकिन सच्चाई यह नहीं होती है। व्यापारी एक समय का दोहन नहीं करता अथवा कम दुग्ध दोहन करता है जिससे दूध की मात्रा अयन में रह जाती है। इस कारण लगता है कि गाय/भैंस अधिक दूध देने वाली है। इसलिए दुधारू पशु की खरीददारी करते समय तीन बार लगातार दुग्ध दोहन अपने सामने अवश्य करा लेना चाहिए।
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