कोरोना काल का संगर्श पर अनुच्छेद 50 points
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प्रस्तावना : विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया है। कोरोना वायरस बहुत सूक्ष्म लेकिन प्रभावी वायरस है। कोरोना वायरस मानव के बाल की तुलना में 900 गुना छोटा है, लेकिन कोरोना का संक्रमण दुनियाभर में तेजी से फ़ैल रहा है।
* कोरोना वायरस क्या है?
कोरोना वायरस (सीओवी) का संबंध वायरस के ऐसे परिवार से है जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है। इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया है। इस वायरस का संक्रमण दिसंबर में चीन के वुहान में शुरू हुआ था। डब्लूएचओ के मुताबिक बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ इसके लक्षण हैं। अब तक इस वायरस को फैलने से रोकने वाला कोई टीका नहीं बना है।
इसके संक्रमण के फलस्वरूप बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इसलिए इसे लेकर बहुत सावधानी बरती जा रही है। यह वायरस दिसंबर में सबसे पहले चीन में पकड़ में आया था। इसके दूसरे देशों में पहुंच जाने की आशंका जताई जा रही है।
प्रस्तावना : विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया है। कोरोना वायरस बहुत सूक्ष्म लेकिन प्रभावी वायरस है। कोरोना वायरस मानव के बाल की तुलना में 900 गुना छोटा है, लेकिन कोरोना का संक्रमण दुनियाभर में तेजी से फ़ैल रहा है।
* कोरोना वायरस क्या है?
कोरोना वायरस (सीओवी) का संबंध वायरस के ऐसे परिवार से है जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है। इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया है। इस वायरस का संक्रमण दिसंबर में चीन के वुहान में शुरू हुआ था। डब्लूएचओ के मुताबिक बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ इसके लक्षण हैं। अब तक इस वायरस को फैलने से रोकने वाला कोई टीका नहीं बना है।
इसके संक्रमण के फलस्वरूप बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इसलिए इसे लेकर बहुत सावधानी बरती जा रही है। यह वायरस दिसंबर में सबसे पहले चीन में पकड़ में आया था। इसके दूसरे देशों में पहुंच जाने की आशंका जताई जा रही है।
कोरोना से मिलते-जुलते वायरस खांसी और छींक से गिरने वाली बूंदों के ज़रिए फैलते हैं। कोरोना वायरस अब चीन में उतनी तीव्र गति से नहीं फ़ैल रहा है जितना दुनिया के अन्य देशों में फैल रहा है। कोविड 19 नाम का यह वायरस अब तक 70 से ज़्यादा देशों में फैल चुका है। कोरोना के संक्रमण के बढ़ते ख़तरे को देखते हुए सावधानी बरतने की ज़रूरत है ताकि इसे फैलने से रोका जा सके।
चीन के वुहान शहर से शुरू कोरोना महामारी तेज़ी से दुनिया के 150 देशों में फैल गई है और 19 मार्च 2020 तक के आंकड़ों के मुताबिक़ 2 लाख से ज़्यादा लोगों को संक्रमित कर चुकी है. वायरस पूरी दुनिया में तेज़ी से अपना असर दिखा रहा है. बेकाबू तरीक़े से वायरस के फैलने की वजह से इस पर काबू पाना दुनिया भर की सरकारों के लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता बन चुका है और इस पर सभी सरकारें एकमत हैं. विकासशील और विकसित- सब देशों के लिए एक समान ख़तरे की आशंका को देखते हुए महामारी के ख़िलाफ़ एकजुट रणनीति की चर्चा ज़ोर-शोर से हो रही है.
इतने बड़े ख़तरे के बावजूद सीरिया, लेबनान, लीबिया, यमन और कश्मीर घाटी जैसे संघर्ष वाले इलाक़ों में वायरस के प्रवेश करने के संभावित जोखिम और नतीजों को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है. इनमें से कई इलाक़े महामारी से बुरी तरह प्रभावित देशों जैसे ईरान और अपेक्षाकृत नये प्रभावित देशों जैसे मिस्र और तुर्की के बेहद नज़दीक हैं. ऐसे में संघर्ष वाले क्षेत्रों के महामारी से लड़ने की क्षमता को समझना ज़रूरी है ताकि इसके ख़िलाफ़ एकजुट होकर रणनीति बनाई जा सके. सीरिया और यमन जैसे देश दावा करते हैं कि उन पर वायरस का कोई असर नहीं पड़ा है, वहीं नज़दीक के देश जैसे अफ़ग़ानिस्तान, तुर्की और पाकिस्तान में वायरस के मामले नियमित रूप से बढ़ते जा रहे हैं. संघर्ष वाले क्षेत्रों जैसे सीरिया में कम लोगों के टेस्ट करने के प्रोटोकॉल की वजह से इस बात पर यकीन नहीं होता कि वो वायरस से अप्रभावित है. इसलिए सभी संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में वायरस के आने वाले ख़तरे को वास्तविक मान कर विचार करना चाहिए.