' बढ़ती आबादी, कटते वन , प्रदूषण से प्रभावित होता जन जीवन ' इस विषय पर अपने विचार लिखिए ।
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Answer:
Explanation:
बढ़ती आबादी को बसने के किये स्थान चाहिए इसलिए वनो को लगातार कटा जा रहा है lउनको रोजगार देने के लिए कारखाना लगाने के लिए भी वनों को काटा जा रहा हैl कारखानों से तो प्रदुषण होगा ही lजब वन ही न होंगे तो आक्सीजन की कमी होती जाएगी और वायुमंडल में अशुद्ध वायु व धुल कण बढ़ते जाएंगेl इसका परिणाम तो मनुष्य भोग रहा हैl प्रकृति का संतुलन बिगड़ गया है lग्लोबल वार्मिंग के कारण ग्लेसियर पिघलते जा रहे है और असमय भयंकर प्राकृतिक आपदा आने लगी है जैसे बाढ ,साइक्लोन ,भीषण गर्मी और सर्दी , असमय वर्षा आदि l फसल से साथ साथ जीव जंतु भी इसके शिकार हो रहें है और इसके कारण प्रकृतिक जैव संतुलन भीषण दौर से गुजर रहा है lइसके दुष्प्रभाव दैनिक जीवन से बढ़ करआर्थिक और राजनैतिक क्षेत्र तक हो रहा है l अमेरिका और यूरोपियन यूनियन इसके लिए अविकसित देशों और एशिया को इसका जिम्मेवार मानते हैं और ये देश अमेरिका और यूरोप को lअतः हम सबका कर्त्तव्य है की अपने लालच को काम करें , जनसँख्या को नियंत्रित करें और प्रकृति को हरा भरा करने में अपना योगदान दें अन्यथा आने वाली पीढियाँ हमें माफ़ नहीं करेंगी क्योकि हम उनके लिए प्राकृतिक घरोहर छोड़ कर ही नहीं जाएंगे l