क) गोवपयों ने श्रीकृष्ण को अपने हृदय में ककस प्रकार बसाया हुआ हैसूरदास के पद के आधार पर स्पष्ट कीजजए। ख) गोवपयों ने उद्धव से योग की लशक्षा कै से लोगों को देने की बात कही है? ग) लशवजी का धनुष टूटने पर क्रोधधत परशरुाम को शािंत करने के ललए लक्ष्मण ने क्या कहा राम लक्ष्मण परशुराम सिंवाद पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजजए।
Home
/
क) गोवपयों ने श्रीकृष्ण को अपने हृदय में ककस प्रकार बसाया हुआ हैसूरदास के पद के आधार पर स्पष्ट कीजजए। ख) गोवपयों
Verified answer
Answer:
प्रश्न 1- गोपियों ने श्रीकृष्ण को अपने हृदय में किस प्रकार बसाया हुआ है?
►गोपियों ने अपने हृदय में श्रीकृष्ण को बिल्कुल उसी तरह बसाया है, जैसे चीटियाँ गुड़ के साथ लिपटी रहती हैं और वह किसी भी दशा में गुड़ को छोड़ना नहीं चाहतीं। उसी तरह गोपियों ने भी अपने मन में श्रीकृष्ण को पूरी तरह बसा रखा है और वह किसी भी हालत में श्रीकृष्ण को छोड़ना नहीं चाहती।
गोपियां योग रूपी बीमारी किन्हे सौंप देना चाहती हैं और क्यों?
► गोपियां योग रूपी उन लोगों को सौंप देना चाहती है, जिनका मन चंचल है, जिनका चित्त अस्थिर है। जो श्रीकृष्ण की अनन्य भक्ति डूबे हुए नही है और जिन्हे कृष्ण भक्ति का आनंद नही मिला है।
ग) लशवजी का धनुष टूटने पर क्रोधधत परशरुाम को शािंत करने के ललए लक्ष्मण ने क्या कहा राम लक्ष्मण परशुराम सिंवाद पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजजए।
►धनुष टूटने से क्रोधित परशुराम ने राम से कहा कि सेवक वह है जो सेवा का कार्य करे। शत्रुता का कार्य करके वैर ही मोल लिया जाता है। उन्होंने राम से यह भी कहा कि राम! जिसने भी शिव धनुष तोड़ा है वह सहस्रबाहु के समान मेरा दुश्मन है।
Explanation:
Hope you understand!
Thanks! :D