साक्षी रहे संसार करता हूँ प्रतिज्ञा पार्थ मैं, पूरा करूँगाा कार्य सब कथनानुसार यथार्थ मैं। जो एक बालक को कपट से मार हँसते हैं अभी, वे शत्रु सत्वर शोक-सागर-मगन दीखेंगे सभी। में कौनसा रस है?
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साक्षी रहे संसार करता हूँ प्रतिज्ञा पार्थ मैं, पूरा करूँगाा कार्य सब कथनानुसार यथार्थ मैं। जो एक बालक को कपट से मार हँसते हैं अभी, वे शत्रु सत्वर शोक-सागर-मगन दीखेंगे सभी। में कौनसा रस है?
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साक्षी रहे संसार करता हूँ प्रतिज्ञा पार्थ मैं, पूरा करूँगाा कार्य सब कथनानुसार यथार्थ मैं। जो एक बालक को कपट से मार हँसते हैं अभी, वे शत्रु सत्वर शोक-सागर-मगन दीखेंगे सभी।
निम्लिखित पंक्तियों में रौद्र रस है|
रौद्र रस- रौद्र रस स्थायी भाव क्रोध होता है जब किसी एक पक्ष या व्यक्ति द्वारा दूसरे पक्ष या दूसरे व्यक्ति का अपमान करने अथवा अपने गुरुजन आदि कि निन्दा से जो क्रोध उत्पन्न होता है उसे रौद्र रस कहते हैं इसमें क्रोध के कारण मुख लाल हो जाना, दाँत पिसना, शास्त्र चलाना, भौहे चढ़ाना आदि के भाव उत्पन्न होते हैं|
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(क) काव्यांश में निहित रस पहचानकर लिखिए- श्रीकृष्ण के सुन वचन अर्जुन क्रोध से जलने लगे। सब शोक अपना भूलकर करतल युगल मलने लगे। ख) हास्य रस का एक उदाहरण लिखिए। ग) श्रृंगार रस क स्थानीयभाव का नाम लिखिए। घ) 'उत्साह' किस रस का स्थायीभाव है?
Verified answer
Answer:
This is an example of raudra ras