रात सा दिन हो गया फिर
रात आई और काली
लग रहा था अब ना होगा
इस निशा का फिर सवेरा
रात से उत्पाद भय से
भीत जन-जन भीत कंण-कन
किंतु प्राची से उषा की
मोहिनी मुस्कान फिर फिर
नीड़ का निर्माण फिर फिर
नेह का अहान फिर फिर
इस पंक्ति के कवि का नाम हरिवंश राय बच्चन है ..
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Explanation:
रात से दिन हो गया फिर रात आई और काली इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए