पत्रों की तरह क्या हम ई-मेल या एस.एम.एस को धरोहर मानकर सहेज
सकते हैं? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
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पत्रों की तरह क्या हम ई-मेल या एस.एम.एस को धरोहर मानकर सहेज
सकते हैं? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
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Answer:
तर्क सहित अपना विचार लिखिए। उत्तर:- पत्र व्यक्ति की स्वयं की हस्तलिपि में होते हैं, जो कि प्रियजन को अधिक संवेदित करते हैं। हम जितने चाहे उतने पत्रों को धरोहर के रूप में समेट कर रख सकते हैं जबकि एसएमएस को मोबाइल में सहेज कर रखने की क्षमता ज़्यादा समय तक नहीं होती है। ... पत्र देश, काल, समाज को जानने का साधन रहा है।