कवि रहीम के अनुसार सज्जन व्यक्ति परोपकारी
होते है सदैव दूसरों का भलाई के लिए ही शरीर
धारण करते हैं, क्या आप उनकी इस बात
से
सहमत है यदि हैं तो क्यो और यदि नहीं
तो भी क्यो कारण लिखिए-
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कवि रहीम के अनुसार सज्जन व्यक्ति परोपकारी
होते है सदैव दूसरों का भलाई के लिए ही शरीर
धारण करते हैं, क्या आप उनकी इस बात
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सहमत है यदि हैं तो क्यो और यदि नहीं
तो भी क्यो कारण लिखिए-
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Answer:
रहीम के अनुसार सज्जन लोग अपने सुख के लिए सम्पत्ति का संचय नहीं किया करते हैं। वे केवल परोपकार के लिए ही धन अर्जित करते हैं। कवि ने इस मते के पक्ष में वृक्षों और सरोवरों का उदाहरण दिया है। वृक्षों पर लगने वाले फलों को वृक्ष स्वयं नहीं खाते । अन्य प्राणी ही उनका आनन्द लिया करते हैं। इसी प्रकार सरोवर भी अपने जल को स्वयं नहीं पीते। उनके जल से पशु, पक्षी और मनुष्य ही अपनी प्यास बुझाया करते हैं।