यदि मै सरपंच के पद पर होता तो निर्णय देते समय किन बातों का ध्यान रखता
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यदि मै सरपंच के पद पर होता तो निर्णय देते समय किन बातों का ध्यान रखता
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Answer:
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Explanation:
पूरेप्रदेश में सरपंचों के खिलाफ अब अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। अजमेर समेत प्रदेश में जनवरी 2015 को प्रथम चरण में चुनाव हुए थे। पंचायतीराज अधिनियम के तहत सरपंचों उप सरपंचों के खिलाफ चुनाव लड़ने के दो साल बाद अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है।
वार्डपंच तीन चौथाई से बहुमत पारित कर सरपंच की सरपंची छीन सकते हैं। कड़ाके की ठंड के बावजूद ग्रामीण क्षेत्र में अब बुधवार से ही राजनीतिक माहौल गर्माने लगेगा। कई पंचायतों में वार्ड पंच पहले से अविश्वास प्रस्ताव लाने की फिराक में थे, लेकिन दो साल पूरे नहीं होने पर वह मन मसोस कर रह गए, लेकिन अब अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकेगा। प्रदेश समेत अजमेर जिले की कई ग्राम पंचायतों में सरपंचों के चुनाव 17 जनवरी 2015 को हुए थे।
सरपंचों के निर्वाचन को मंगलवार को दो साल पूरे हो गए हैं। पंचायतीराज अधिनियम के तहत निर्वाचन के दो साल पूरे होने के बाद अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। तीन-चौथाई वार्ड पंच मिलकर अगर अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करते हैं तो सरपंच की सरपंचाई छिन सकती है। इनके अलावा जिन ग्राम पंचायतों में दूसरे चरण में फरवरी माह में सरपंचों के चुनाव हुए थे, वहां अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए अब एक माह का इंतजार करना होगा।
^अजमेर जिले में जिन सरपंचों का कार्यकाल दो साल पूरा हो गया है, पंचायतीराज अधिनियम के तहत उसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। अविश्वास प्रस्ताव जिला परिषद में मुख्य कार्यकारी अधिकारी के समक्ष पेश किया जाएगा। इसके बाद अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करवाने के लिए किसी अधिकारी को नियुक्त किया जाएगा। ग्राम पंचायत की बैठक आहूत कर इस पर निर्णय किया जाएगा। अगर प्रस्ताव तीन चौथाई बहुमत से पारित होता है तो सरपंच काे उसके पद से पदच्युत कर दिया जाएगा।’ -संजय माथुर, एसीईओ, जिला परिषद
सीईओ के समक्ष पेश होगा अविश्वास प्रस्ताव
जिनग्राम पंचायतों में सरपंच के कार्यकाल को दो साल पूरे हो गए हैं, वहां पर वार्ड पंचों के हस्ताक्षरों से अविश्वास प्रस्ताव जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के समक्ष पेश किया जाएगा। सीईओ द्वारा बैठक के लिए किसी अधिकारी को नियुक्त किया जाएगा। अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के लिए ग्राम पंचायत की बैठक आहूत की जाएगी। बहस के बाद अगर सदन में ग्राम पंचायत के तीन चौथाई वार्ड पंच अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोट या समर्थन करते हैं तो प्रस्ताव पारित माना जाएगा, ऐसी सूरत में सरपंच को तुरंत पद से हटाया जा सकेगा, लेकिन अगर तीन चौथाई बहुमत हासिल नहीं हो पाता या फिर बैठक में कोरम तक पूरा नहीं हो पाता तो एक घंटे की इंतजारी के बाद बैठक समाप्त हो जाएगी। ऐसी स्थिति में फिर आगामी एक साल तक सरपंच के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकेगा।
जिले में प्रथम चरण में 17 जनवरी 2015 को हुए थे चुनाव, दो साल पूरे होने पर लाया जा सकता है अविश्वास प्रस्ताव
गांव की पंचायत