लॉकडाउन के चलते हम सभी भागदौड़ भरी ज़िन्दगी से दूर हो गए है
और कहीं ना कहीं इस समय ने हमें अपनों के करीब भी कर दिया है।
इसी से जुड़ी अपनी भावनाओं को सांझा करते हुए अपने दादा/दादी या
नाना/ नानी को पत्र लिखें।
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लॉकडाउन के चलते हम सभी भागदौड़ भरी ज़िन्दगी से दूर हो गए है
और कहीं ना कहीं इस समय ने हमें अपनों के करीब भी कर दिया है।
इसी से जुड़ी अपनी भावनाओं को सांझा करते हुए अपने दादा/दादी या
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Explanation:
nana
कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते इस वक़्त दुनिया के अलग अलग देशों में लॉकडाउन चल रहा है. इस कारण से लोग अपने अपने घरों में बंद हैं. उनमें वो महिलाएं भी शामिल हैं, जो अक्सर अपने जीवनसाथी के हाथों शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना की शिकार होती हैं.
घर में साथ रहने के कारण महिलाओं के शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न के मामले भी बढ़ गए हैं. अमरीका और ब्रिटेन जैसे विकसित देशों में उत्पीड़न की शिकार महिलाओं की मदद के लिए बने राष्ट्रीय हॉटलाइन नंबर पर पिछले दो हफ़्तों में फ़ोन कॉल की बाढ़ सी आ गई है.
जिसमें महिलाएं अपने साथी के हाथों प्रताड़ना की शिकायत कर रही हैं. लेकिन, संयुक्त राष्ट्र की महिला इकाई की कार्यकारी निदेशक, फुमज़िले म्लाम्बो एनगीका ने बीबीसी को बताया है कि अमेरिका और ब्रिटेन के उलट, विकासशील देशों में लॉकडाउन के दौरान इसके ठीक उलट स्थिति देखने को मिलेगी.
from meri pyari
nani