दिए गए गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए - साहसी मनुष्य का जीवन ही सच्चा जीवन होता है. साहसी मनुष्य अपने उद्देश्य के लिए बढ़ते रहते हैं. वास्तव में साहसी लोग ही संसार की शक्ति होते हैं. साहसी लोग अपने मार्ग पर अकेले ही बढ़ते हैं, जैसे जंगल में शेर अकेला रहता है. डरपोक लोग ही भेड़ों की तरह झुंड बनाकर रहते हैं.।संकट झेलना ही जीवन का स्तर दिखाता है. जो संकटों से बचता है वह वास्तविक जीवन से कोसों दूर होता है. जीवन में संकटों का सामना करना एक पूंजी है. जो इस पूंजी को जितनी मात्रा में लगाता है मैं उसी मात्रा में उसका फल पाता है. जीवन को अनंत मानकर आगे बढ़ने वाला मनुष्य ही जीवन के रहस्य को प्राप्त कर सकता है. जीवन का साधक थोड़े से सुकून से संतुष्ट नहीं होता बल्कि वह हिम्मत से सबसे ऊंची चोटी का फल तोड़ कर खाना चाहता है. सागर के अंदर गोता लगाकर तल से मोती पाना चाहता है. उसके लिए दुर्लभ कुछ भी नहीं है. वह जंगल में भी अपना मार्ग बना ही लेता है. उपर्युक्त अपठित गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए – 1. साहसी व्यक्ति में क्या-क्या विशेषताएं होनी चाहिए? 2. जीवन का वास्तविक सार क्या है? 3. जीवन का साधक क्या चाहता है? 4.उपर्युक्त अपठित गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए. pls do urgent
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