निम्नलखित पठित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर विकल्पों में से चुनकर लिखिए : -सच्चे मित्र की तलाश हर व्यक्ति को रहती है। जब कोई व्यक्ति जीवन में कठिनाइयों से दो-चार होता है, तो उसे किसी ऐसे साथी की आवश्यकता महसूस होती है, जो उसके दुख और परेशानियों की गाथा सुने और उनके निराकरण में उसकी सहायता करे। परंतु सच्चा मित्र पाना अत्यंत कठिन है। हर जान-पहचान वाला व्यक्ति हमारा मित्र नहीं हो सकता और न ही मित्रता का दावा करने वाला व्यक्ति सच्चा मित्र होता है। मित्रता सदैव सोच-समझकर करनी चाहिए। मीठी बातें, चाटुकारिता, हँसमुख चेहरा आदि मित्र बनाने के लिए आवश्यक शर्ते नहीं हैं, वरन सच्ची बात कहने वाला, खरी बात कहने वाला. विपरीत परिस्थितियों में साहस बढ़ाने वाला ही सच्चा मित्र हो सकता है। आचार्य शुक्ल ने सच्चे मित्र को कड़वी दवा की भाँति बताया है, जो कुसंग के ज्वर को दूर कर देती है। हमारे जीवन का मार्ग कुमार्ग न बन जाए, सफलता असफलता न बन जाए और नेकनामी बदनामी न बन जाए, इसके लिए हमें बुरे मित्रों और उनकी संगति से दूर ही रहना चाहिए।
2 सच्चा मित्र विपरीत परिस्थितियों में क्या करता है?
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Answer:
सच्चा मित्र विपरीत परिस्थितियों में अपने मित्र की सहायता करता है।