प्रश्न : निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए |
रस्सी कच्चे धागे की,खौच रही मैं नाव |
जाने कब सुन मेरी पुकार, करें देव भवसागर पार |
पानी टपके कच्चे सकारे, व्यर्थ प्रयास हो रहे मेरे |
जी में उठती रह-रह हूक , घर जाने की चाह है घेरे ।।
(क) कवयित्री के अनुसार मानव जीवन कैसा है ?
(ख)कवयित्री के अनुसार मुक्ति के लिए किए जाने वाले प्रयास व्यर्थ यो हो रहें हैं?
(ग) कवयित्री किस घर में जाना चाहती है ? उसके जी” में हूक क्यों उठती है ?
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Answer:
plz translate in english