(ख) रस्सी कच्चे धागे की, खींच रही मैं नाव। जाने कब सुन मेरी पुकार, करें देव भवसागर पार।
पानी टपके कच्चे सकोरे, व्यर्थ प्रयास हो रहे मेरे।
जी मे उठती रह-रह हुक, घर जाने की चाह है घेरे।।
1.'कच्चे धागे' यहाँ किस अर्थ में प्रयुक्त हुआ है?
2.'नाव' को किसका प्रतीक माना गया है?
3. कवयित्री के स्वर में कैसा भाव है?
5. कच्चे सकोरे' से क्या तात्पर्य है?
NCERT class 9th hindi
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