An awesome poem on the topic "social media " in hindi!
Ek dum mast hona chahiye kavitha!
Lets us how smart users are available in brainly!!
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. Media☎☎⛹
ट्विटर पर ट्रेन्ड फॉलो होता हैं
ट्रूथ नही !
फेसबुक मे फेस पर लाइक मिलते हैं
फैक्टस पर नही !
समाचार चैनलो पर बहस होती हैं
बात नही !
अखबारो मे मसाला परोसा जाता हैं
मसला नही !
इस सबके बावजूद आप इन्हें मीडिया कहते हैं
तो आपको ये आइडिया नही !
कि मीडिया वो हैं जो आईना बने
नमूना नही ! By-Dhruv Sharma
लोगों को attract करने के लिये नये-नये
features लाया है।
कहीं status तो कहीं filters का मोह माया है।
आलम ऐसा है जनाब कि सोते-जागते सिर्फ इसका ही
ख्याल आया है।
कितने like, कितने comment, कितना engagement पाया है।
इसी से दिन शुरू और इसी में रात बिताया है।
एक notification की रिंग सुन कर
सबकुछ छोड़कर दौड़ा आया है,
एक आस लगी होती है,शायद like कोई बढ़ाया है,
या comment किसी का आया है।
इन उल जलूल के कामों में अपना दिमाग लगाया है।
अलग अलग pose में ढेरों फोटों खिंचाया है।
इस bubble reputation* के चक्कर में
ना जाने कितना समय गवाया है।
अब तुम्हे खुद को समझाना होगा,
अपने दिमाग को लगाना होगा।
इस फालतू के चक्कर से बाहर निकलना होगा
इनकी सच्चाई को जानना और
सामने आए रिजल्ट को मानना होगा।
क्या आपने कभी सोचा कि ये जो सोशल नेटवर्किंग
कंपनियां आपसे एक भी पैसा नही लेतीं,
तो अपने employee को salary कहाँ से देतीं ?
क्या आपने कभी गौर किया है कि जो छोटे छोटे ads
आपको बहुत भाते हैं,
आपके मन को कैसे पढ़ जाते हैं,
जो आपको पसंद हो वही stuff दिखाते हैं।
मतलब कुछ तो लोचा है,
जिसके बारे में आपने अभी तक नही सोचा है।
ये जो आप क्या खाया,कहाँ गया, क्या महसूस किया एक एक चीज बताते हो
उसका ये सब कच्चा चिट्ठा बनाते हैं
और उसको मार्केटिंग कंपनी को बेच कर
पैसा खूब कमाते हैं।
मतलब कहने को तो ये free services देते हैं
लेकिन असल में ये आपको ही as a service लेते हैं।
हम भूल जाते हैं ना जाने कितनी बार
हैकर्स ने इनकी privacy पर सेंध मारा है।
हमारे private data को खुले market में उछाला है।
कभी इनके develors ने अपनी गलती मानी
तो कभी हमें ही दोषी ठहराया है।
अभी सामने आए एक रिपोर्ट ने दावा किया,
अमेरिका में हुए चुनाव में सोशल मीडिया के जरिये brain wash का खुलासा किया।