behtar sehat aur vatavaran ke liye tel bachat - hindi essay in 300 words
Share
behtar sehat aur vatavaran ke liye tel bachat - hindi essay in 300 words
Sign Up to our social questions and Answers Engine to ask questions, answer people’s questions, and connect with other people.
Login to our social questions & Answers Engine to ask questions answer people’s questions & connect with other people.
ईंधन एक प्राकृतिक संसाधन है, जब यह एक रासायनिक या परमाणु प्रतिक्रिया से होकर गुजरता हैं तब उपयोगी ऊर्जा का उत्पादन होता है जो मानव जीवन को सुचारु रूप से चालने के लिए अत्यंत जरूरी हैं। कोयला, लकड़ी, तेल, पेट्रोल या गैस जलाने पर ऊर्जा प्रदान करते है और हमे बेहतर जीवन के साधन उपलब्ध कराते हैं। लेकिन जैसा कि हम सभी जानते हैं ईंधन मानव दावरा निर्मित नहीं किया जा सकता, यह केवल प्राकृतिक रूप से ही उपलब्ध है इसलिए हमे इसका उपयोग विवेकपूर्ण तरीके से करना चाहिए अन्यथा वह दिन दूर नहीं जब हम इन्हे पूरी तरह से नष्ट कर देगे । हमे केवल अपने वाहनों को चलाने के लिए ईंधन की जरूरत नहीं है, अपितु ईंधन का उपयोग हमारे जीवन और माहौल को बेहतर बनाता है।
कोयला, तेल और गैस जैसे जीवाश्म ईंधन प्राकृतिक संसाधन हैं। इनके बढ़ते उपयोग से पृथ्वी के भीतर इनकी उपस्थिति कम होती जा रही हैं। अगर हम इसी तरह से बिना सोचे समझे इन प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करते रहे तो वह दिन दूर नहीं जब यह पूरी तरह से विल्पुत हो जाएगे। आज हमे वैकल्पिक और अक्षय स्रोतों को विकसित करने या प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग करने की जरूरत हैं।
बेहतर होगा कि हम अपने पर्यावरण और अच्छे स्वास्थ्य के लिए ईंधन की बचत करे। अब सवाल यह है की ईंधन की बचत एक बेहतर पर्यावरण और अच्छे स्वास्थ्य के लिए क्यो जरूरी हैं। । आज औद्योगीकरण, मशीनरी, बिजली उपकरण और परिवहन के तेज साथन हमारे जीवन और समृद्धि के प्रतीकों में से एक बन गये है। इन सब को चलाने के लिए हम हर दिन तेल और गैस का उपयोग करते हैं लेकिन फिर भी हम यह नहीं समझ पाते की विकास का होना प्राकृतिक संसाधनों के बिना संभव नहीं हैं।
पेट्रोल या डीजल पर चलने मोटर वाहनों से छोड़ा गया धुआँ पृथ्वी की ओजोन परत को नष्ट कर रहा हैं। ओजोन परत की कमी के कारण, ग्रीन हाउस प्रभाव हो रहा है और पृथ्वी का तापमान दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। ये सब हमारे स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित कर रहा हैं। साथ ही साथ यह हमारे पर्यावरण को भी नुकसान कर रहा है। यही समय है कि मानवता के विकास और सुरक्षा लिए जीवाश्म ईंधन के उपयोग को बंद करके ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों का प्रयोग किया जाये। अगर हम हमारी जीवन शैली को समायोजित करना चाहते हैं और सकारात्मक आदतें विकसित करना चाहते हैं तो हमे पर्यावरण के खिलाफ नकारात्मक प्रवृत्तियों को बदलने और ईंधन को बचाने के की तत्काल आवश्यकता है। जीवन के हर क्षेत्र चाहे वह घर मे खाना पकाना हो या फिर ऑफिस में कम्प्युटर चलाना हमे ईंधन की आवश्यकता होती ही हैं।
बेहतर पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए ईंधन की बचत कैसे की जाये
आज सिर्फ हमारी लापरवाही और अज्ञानता की वजह से हमारे प्राकृतिक संसाधनों को बर्बाद हो रहे हैं। अगर सब कुछ इसी तरह चलता रहा तो पेट्रोल या डीजल लेकिन ही नहीं इस तरह के अन्य ईंधन जैसे प्राकृतिक गैस, प्रोपेन और तेल सभी बहुत जल्द ही गायब हो जाएगे। यहाँ हम बेहतर पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए ईंधन बचाने के लिए कुछ सुझाव दे रहे हैं जो हमे ईंधन के विवेकपूर्ण तरीके से इस्तेमाल में मदद कर सकते हैं।
ड्राइविंग करते समय अपने वाहन की गति सीमा को धीमा तथा एक ही गति सीमा पर रखिए क्यूंकि गाड़ी की गति सीमा बढ़ने पर ईंधन की खपत भी बढ़ जाती हैं। क्लच का बहुत ज्यादा और अनावश्यक रूप से प्रयोग ईंधन की खपत को बढ़ा देता हैं। जहाँ तक संभव हो एयर कंडीशनर बंद रखें ।
कार का उचित रखरखाव के लिए भी आवश्यक है। एक निश्चित अवधि के बाद इंजन ऑयल बदल दे क्यूंकि गंदा इंजन ऑयल इंजन घर्षण को बढ़ा देता हैं तथा ईंधन की बर्बादी को बढ़ावा देता हैं।
जहाँ तक संभव हो कार पूल का इस्तेमाल करे, इससे ना केवल प्रदूषण तथा ट्रेफिक जाम की समस्या कम होगी अपितु तेल की बचत भी होगी।
खाना बनाते समय तथा घर में बिजली के उपकरणो का इस्टेमल करते समय भी ईंधन बचाया जा सकता है। बिजली के उपकरण जब उपयोग में न हों तो स्विच ऑफ कर दें। घर में बिजली के अच्छे तारों का इस्टेमल न केवल बिजली बचाने के लिए, अपितु बिजली के बिल में कटौती में भी सहायक होगा।
तेल एक प्राकृतिक संसाधन है, जो कि किसी भी रासायनिक और परमाणु प्रतिक्रिया से होकर गुजरने के बाद अति उपयोगी ऊर्जा और ऊर्जा के स्त्रोत प्रदान करता है।
प्राकृतिक तेल,पेट्रोल या गैस ये सब जलने वाली वस्तुएं हैं।लेकिन जैसा कि सर्व विदित है तेल एक प्राकृतिक औरसीमित संसाधन हैं इसलिए बहुत ही आवश्यक है कि इनका दुरुपयोग ना हो और इनका समुचित उपयोग ना केवल वर्तमान के लिए बल्कि साथ ही साथ भविष्य को भी ध्यान में रखकर करना होगा ताकिअगली पीढ़ियाँ भी इन सुविधाओं का उपयोग अपने बेहतर जीवन के लिए कर सकें।तेल की आवश्यकता ना केवल वाहनों को दौड़ाने अपितु मानव जीवन को सुचारू गति देने और बेहतर पर्यावरण के लिए भी है।आज मोटर वाहनों में जलने वाला ईंधन हमारे पर्यावरण को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। ऑटोमोबाइल (मोटर वाहन) पेट्रोल या डीजल से चलते हैं,ऑटोमोटिव (वाहन में प्रयुक्त होने वाले कल-पुर्ज़े ),ऑटोमोबाइल को चलाने के लिए तेल का दहन करता है,और जला हुआ तेल धुएँ या जले हुए तेल के रूप में पर्यावरण में छोड़ा जाता है।ये धुंआ और ये जला हुआ तेल/ईंधन हमारी सेहत को तो नुकसान पहुंचाता ही है साथ ही पृथ्वी के ओजोन परत को कम कर रहा है।
कम होती ओजोन परतों के कारण पृथ्वी पर ग्रीन हाउस प्रभाव बढ़ रहा है और पृथ्वी का आतंरिक भाग जल रहा है,जिससे पृथ्वी का तापमान बढ़ता जा रहा है।ये सारे बदलाव हमारे स्वास्थ्य को दिनों दिन बुरी तरह प्रभावित कर रहे हैं।ये पर्यावरण को भी उतनी ही क्षति पहुंचा रहा है क्योंकिजितना अधिक तेल हम उपयोग करेंगे उतना ही अधिक उत्सर्जन उत्पन्न होगा।हमें जल्दी ही प्राकृतिक रूप से उपलब्ध तेल जो कि हमारी सम्पदा है,उन्हें बचाने के प्रयास करने होंगे और हमें वैकल्पिक स्त्रोत उपयोग में लाने होंगे।पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले इतने बड़े प्रभाव का विकल्प ढूंढना सहज कार्य नहीं है।परन्तु यदि हम सचमुच अपनी आने वाली पीढ़ी के विषय में सोचते हैं तो अपने साथ-साथ औरों को भी प्रेरित करें और अपनी जीवन शैली में कुछ तालमेल बिठाते हुए सेहत के विषय में सकारात्मक आदतों को विकसित करें,
बुरी आदतों का परित्याग करें और तेल सम्पदा के साथ-साथ पर्यावरण के संरक्षण को सुनिश्चित करें।