दूसरे दिन देश के प्रसिदध पत्रों में यह विज्ञापन निकला कि देवगढ़ के लिए एक सुयोग्य दीवान की
सयत है। जो सज्जन अपने को इस पद के योग्य समझों, वे वर्तमान दीवान सरदार सुजान सिंह की सेवा
उपस्थित हो। यह जरूरी नहीं है कि वे ग्रेजुएट हो, मगर हृष्ट-पुष्ट होना आवश्यक है, मंदाग्नि के मरीज
को यहाँ तक कष्ट उठाने की कोई जरूरत नहीं। एक महीने तक उम्मीदवारों के रहन-सहन, आचार-विचार
की देखभाल की जाएगी। विद्या का कम, परंतु कर्तव्य का अधिक विचार किया जाएगा। जो महाशय इस
परीक्षा में पार उत्तरंगे, वे इस उच्च पद पर सुशोभित होंगे। प्रश्न (1) विग्यापन में क्या लिखा था
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