परियोजना कार्य-प्रेमचंद के व्यक्तित्व तथा कृतित्व पर प्रकाश डालते सचित्र परिचय दीजिए।
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Answer:
परियोजना कार्य प्रेमचंद के एक प्रमुख कृतित्व का प्रस्तावना करता है जो हिन्दी साहित्य के एक महत्वपूर्ण और प्रमुख लेखक हैं। प्रेमचंद, जिनका जन्म 1880 में हुआ था, हिन्दी कहानी, उपन्यास, नाटक और निबंध के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए मशहूर हैं।
उनके लेखन का विषेष विशेषता था - वे आम जनता की जीवनीय अनुभवों को महाकवि की भाषा में बयान करने में सक्षम थे। उनके कृतित्व में आम आदमी की समस्याओं, संघर्षों और आकांक्षाओं का व्यापक परिचय मिलता है।
प्रेमचंद के लेखन में सामाजिक और राजनीतिक चुनौतियों का अद्वितीय विवेचन था, और वे समाज में उत्थान और समाजिक सुधार के पक्षधर में थे।
उनकी प्रमुख रचनाएँ श्रीमान इश्वरचंद्र विद्यासागर, गोदान, गबन, निर्गुण्थ, और इंतक़ाम सम्मेलन की रात आदि शामिल हैं। प्रेमचंद के कृतित्व ने हिन्दी साहित्य को एक नई दिशा दी और आज भी उनके लेखन का महत्व मान्या जाता है।
Answer:
श्री प्रेमचन्द ने पहले उन्हीं की कहानियों के उर्दू अनुवाद छपवाये, तदनन्तर स्वयं मौलिक कहानियाँ लिखने लगे। सन् 1907 ई. में उनकी प्रथम कहानी 'संसार का अनमोल रत्न उर्दू के प्रसिद्ध पत्र 'जमाना' में प्रकाशित हुई। इसके अनन्तर उन्होंने चार-पाँच कहानियों की ओर रचना करके अपना प्रथम कहानी-संग्रह 'सोजेवतन सन् 1906 ई.
प्रेमचन्द सरलता, सौजन्यता और उदारता की मूर्ति थे, उनके हृदय में मित्रों के लिए उदार भाव था वहीं उनके हृदय में ग़रीबों एवं पीड़ितों के लिए सहानुभूति का अथाह सागर था. 3. प्रेमचन्द की ईश्वर के प्रति आस्था नहीं थी, जीवन के प्रति उनकी अगाढ़ आस्था थी.
प्रेमचंद का मूल नाम धनपतराय था और उनका जन्म 31 जुलाई 1880 को वाराणसी के नज़दीक लमही गांव में हुआ था। पिता का नाम अजायब राय था और वे डाकखाने में मामूली नौकरी करते थे। वे जब सिर्फ आठ साल के थे तब मां का निधन हो गया। पिता ने दूसरा विवाह कर लिया लेकिन वे मां के प्यार और वात्सल्य से महरूम रहे।
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