तिब्बत में यात्रियों के लिए बहुत-सी तकलीफें भी हैं और कुछ आराम की बातें भी | वहाँ जाति-पाति , कुआ -
छूत का सवाल ही नहीं है और न औरतें पर्दा ही करती हैं । बहुत निम्न-श्रेणी के भिखमंगो को लोग चोरी के डर से घर के
भीतर नहीं आने देते ; नहीं तो आप घर के बिलकुल भीतर चले जा सकते हैं | चाहे आप बिनकुब अपरिचित हो, तब भी
घर की बहु या सासु को अपनी झोली में से चाय दे सकते हैं । वह आपके लिए उसे पका देगी । मक्खन और सोडा नमक दे
दी दीजिए , वह चाय चोंगी में कूटकर उसे दूध वाली चाय के रंग की बनाकर मिट्टी के टॉटीदार बर्तन में रखके आपको दे
देगी।
(क) तिब्बती समाज की सबसे बड़ी विशेषता क्या है?(2)
(ख) औरतों की स्थिति कैसी है तथा तिब्बती स्त्रियाँ अतिथि का सत्कार कैसे करती हैं?(2)
(ग) तिब्बती चाय में क्या-क्या डालते हैं?
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Explanation:
(I) तिब्बत तिब्बत समाज की सबसे बड़ी है विशेषता है कि वहां पर कोई भी तरह का जाति पात नहीं है छुआछूत। वहां पर औरतों को जवाब पर्दा भी नहीं करना पड़ता।
२) औरतोंऔरतों की स्थिति सामान्य है वहां पर औरतों को पता भी नहीं करना पड़ता और वह अतिथि सरकार बड़े प्यार से करती हैं। वह आपके लिए चाय भी परोस थी हैं।
३)तीन पत्ती चाय को और भी लाजवाब बनाने के लिए में मक्खन और सोडा नमक डालते हैं