लोग आज भी रहीम के दोहे का इस्तेमाल अपने जीवन में घट रही चीजो को बताने के लिए करते है। रहीम की भाषा गंगा-जमुनी तहजीब वाली थी। उन्हें अरबी,तुर्की,फ़ारसी,संस्कृत और हिंदी की अच्छी जानकारी थी। रहीम ने हिंदी के शब्दो का प्रयोग अपने काव्य में किया है।
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लोग आज भी रहीम के दोहे का इस्तेमाल अपने जीवन में घट रही चीजो को बताने के लिए करते है। रहीम की भाषा गंगा-जमुनी तहजीब वाली थी। उन्हें अरबी,तुर्की,फ़ारसी,संस्कृत और हिंदी की अच्छी जानकारी थी। रहीम ने हिंदी के शब्दो का प्रयोग अपने काव्य में किया है।
ji haa ham hai
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