भारत की महानता इस विषय पर अपने विचार लिखिए ।
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like Kari answer detha hooo
मेरा भारत महान…… ! हर ट्रक के पीछे लिखने का जारी हुआ फरमान, एक ट्रक ड्राईवर ने फरमान निभाते हुआ लिखा अपने ट्रक के पीछे, छोटे अक्षर में पहले, “ सौ में नब्बे बेईमान” और बड़े बड़े अक्षर में लिखा, उसके ही नीचे, “ मेरा भारत महान.” । पुलीस ने जब ये देखा, तो ड्राईवर को उसने रोका, और जेल की धमकी देकर, गुस्से में बहुत सुनाया. ड्राईवर ने शांत और मधुर स्वरों में बोला, “ साहेब क्यों गुसा हो तुम, तुम तो हो मेरे दस में, पुलिस भी समझ गया , ड्राईवर को उसने छोड़ दिया ।
“मेरा भारत महान”, इसकी कोई परिभाषा नहीं हो सकती। न ही इसका कोई विस्तार किया जा सकता है। यह तो अपने आप में पूर्ण वाक्य है। इस बात की चुभन भी होती है कि हम देशप्रेमी हैं तो भ्रष्टाचार, निरन्तर बढ़ती महंगाई, विदेशों में जमा काला धन, आदर्श भूमि घोटाला, आम आदमी का शोषण और महिलाओं की दुर्दशा क्यों सहन कर रहे हैं? क्या ये सारे मामले भारत की शान बढ़ाएंगे? एक आम भारतीय होने के नाते ये सवाल कचोटते हैं। राष्ट्र के प्रतीक नामों पर गौर करें- गांधी, लोकमान्य तिलक, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल, अश्फाक उल्ला, जयप्रकाश नारायण, सावरकर आदि-आदि। सभी आजादी से पहले जन्मे थे, स्वतंत्र होने के बाद देश का वातावरण ऐसा नहीं रहा कि इस तरह के एक भी प्रतीक चरित्र यह राष्ट्र पैदा कर पाता। परिणाम कि गुलाम भारत के युवाओं के प्रतीक सुभाष, आजाद होते थे तो आज शाहरुख, सलमान और सचिन हैं। आज देश का युवा अब महात्मा गांधी, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस जैसा नहीं बनना चाहता। क्योकिं वह जान चुका है कि राष्ट्र के लिए खून देने वाले लोग इस राष्ट्र के अधिनायकवादी तंत्र द्वारा भुला दिए जाते हैं और याद किए जाते हैं वह लोग जिनके बाप- दादे अंग्रेजों के समय चाटुकारिता कर रायबहादुर, राय साहब बने थे और आज भी आनंद में ओत-प्रोत हैं। रानी लक्ष्मीबाई के किसी वंशज का कहीं कोई पता है? वह भारत की स्वतंत्रता सेनानी थी इसीलिए। लेकिन ‘सिंधिया’ को सभी जानते हैं, जबकि इस खानदान द्वारा अंग्रेजों की तरफदारी करके रानी झांसी लक्ष्मीबाई को मरवा दी थीं। मेरा भारत महान……. एक ऐसा वाक्य जिसे हम भारतीय अक्सर कहते रहते है, क्योकि ये हमारे अहं को तृप्त करने का एक तरीका है, भारत महान है तो इसका अर्थ ये हुआ की हर भारतीय महान है, ये वो देश है जहा माँ- बाप के लिए उसका बेटा सबसे अच्छा होता है, मगर कई बार बाकि लोग उनसे सहमत नहीं होते ठिक ऐसा ही हाल कुछ भारत का है हम अपने अन्दर इसको महान कहते कहते मर जाते है पर ऐसा कुछ नहीं करते की अन्य देश कहे की भारत महान है । मेरा भारत महान हर हिन्दुस्तानी ये शब्द कहते हुए एक अजीब सी गर्वानुभूति करता है, उसके अन्दर कही ये भावना रहती है की भारत महान है क्योंकी वो यहाँ पैदा हुआ है । यह नारा सिर्फ मन कि भावनाओ मे यथार्थ धुंधला और बदसूरत है ये समाज भी जानता है और समाजवादी भी जो समाज की रोटी कि चिँता पर अपनी अपने चुल्हे की आग की तेज करने मे लगे रहते हैं ।
मेरा भारत महान का नारा किसने दिया ये मुझे भी पता नहीं था मैने कई लोगों से पुछा लेकिन मुझे कहीं से जवाब नहीं मिला, बाद मे गुगल बाबा की मदद से जान पाया कि राजीव गांधी इस नारे के जन्मदाता हैं । राजीव गांधी को ये पता था कि भारत महान हो ना हो लेकिन भारत की जनता जरुर महान हैं, बड़ी आसानी से उसे भावनात्मक रुप से बहकाया जा सकता हैं जो आज तक हो रहा हैं..घोटालों का सिलसीला तो नेहरु काल से चला आ रहा हैं जिसे राजीव गांधी ने भी बखुबी निभाते हुए भारत की महानता का परिचय दिया था ।भोपाल गैस कांड को उस समय एक ट्रक हादसा बताकर आरोपी को छोड़ दिया जाता हैं औऱ मामले की सुनवाई करने वाले जज साहब रिटायरमेंट के बाद आरोपी कंपनी के चेयमैन बन जाते हैं । बाद मे जब मामले से पर्दा उठता हैं तो राजीव गांधी सहीत भोपाल के तत्कालीन अधिकारियो