परिवर्तन की हानि बताइए
Share
Sign Up to our social questions and Answers Engine to ask questions, answer people’s questions, and connect with other people.
Login to our social questions & Answers Engine to ask questions answer people’s questions & connect with other people.
Explanation:
ग्लोबल वार्मिंगजीवाश्म ईंधन के दहन और प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन के कारण जलवायु परिवर्तन की गम्भीर समस्या उत्पन्न हुई है। यदि जलवायु परिवर्तन को समय रहते न रोका गया तो लाखों लोग भुखमरी, जल संकट और बाढ़ जैसी विपदाओं का शिकार होंगे। यह संकट पूरी दुनिया को प्रभावित करेगा। यद्यपि जलवायु परिवर्तन का सबसे अधिक असर गरीब देशों पर पड़ेगा। इसके साथ ही इसका सबसे ज्यादा असर ऐसे देशों को भुगतना पड़ेगा, जो जलवायु परिवर्तन के लिये सबसे कम जिम्मेदार हैं। पिछड़े और विकासशील देशों पर जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न समस्याओं का खतरा अधिक होगा।
धरती के तापमान में वद्धि के कारण हिमनद और ध्रुवीय प्रदेशों की बर्फ पिघलने की रफ्तार बढ़ गई है जिसके परिणामस्वरूप महासागरों का जल स्तर औसतन 27 सेंटीमीटर ऊपर उठ चुका है। जलवायु विज्ञानियों के अनुसार यदि वायुमंडल में ग्रीन हाउस गैसों में जमाव का सिलसिला जारी रहा तो धरती के तापमान में वृद्धि होती रहेगी जिसके परिणामस्वरूप हिमनद और ध्रुवीय इलाकों की बर्फ पिघलने की रफ्तार बढ़ने से सागर तटीय इलाकों के डूबने का खतरा बढ़ जाएगा और महासागरों का बढ़ता जलस्तर मालदीव जैसे हजारों द्वीपों को डूबा देगा।