क. उद्धव द्वारा दिए गए योग के संदेश ने गोपियों की विरहाग्नि में घी का काम कैसे किया
ख. 'गुर चाँटी ज्यौं पागी' कहकर गोपियाँ अपनी और कृष्ण की किस दशा का बोध करा र
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क. उद्धव द्वारा दिए गए योग के संदेश ने गोपियों की विरहाग्नि में घी का काम कैसे किया
ख. 'गुर चाँटी ज्यौं पागी' कहकर गोपियाँ अपनी और कृष्ण की किस दशा का बोध करा र
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Answer:
उद्धव द्वारा दिए गए योग के संदेश ने गापियों की विरहाग्नि में घी का काम कैसे किया ? उत्तर : गोपियाँ कृष्ण के आगमन की आशा में दिन गिनती जा रही थीं। वे अपने तन-मन की व्यथा चुप-चाप सह रही थीं। कृष्ण को आना था परन्तु उन्होंने योब का संदेश देने के लिए उद्धव को भेज दिया।
Explanation:
ख. 'गुर चाँटी ज्यौं पागी' कहकर गोपियाँ अपनी और कृष्ण की किस दशा का बोध करा र? Answer: गुर चाँटी ज्यों पागी' से गोपियों का कृष्ण के प्रति एकनिष्ठ प्रेम की अभिव्यक्ति का ज्ञान होता है। गोपियों की मनोदशा ठीक वैसी ही है जैसी गुड़ से चिपटी चीटियों की होती है। जिस तरह चीटियाँ किसी भी दशा में गुड़ को नहीं छोड़ना चाहती हैं उसी प्रकार गोपियाँ भी कृष्ण को नहीं छोड़ना चाहती हैं।