Chalak lomdi story in punjabi punjabi punjabi
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Answer:
Chalak lomdi in punjabi
Explanation:
Punjabi:
ਇਕ ਦਿਨ ਇਕ ਕੌਆ ਪੱੜ ਦੀ ਅਚੀ ਡਾਲਰ ਤੇ ਬੈਠਾ ਰੋਟੀ ਪੱਕਾ ਰਿਹਾ। ਇਕ ਲੋਮੜੀ ਨੇ ਉਸ ਨੂੰ ਦੇਖਿਆ ਨਹੀਂ ਅਤੇ ਮੁਹਿੰਮ ਵਿਚ ਪਾਣੀ ਭਰ ਆਇਆ. ਉਹ ਸੋਚਾ ਕਿਸੇ ਕਿਸਮ ਦੀ ਰੋਅ ਹੜਪਨੀ ਹੈ।
ਉਹ ਝੱਟਪਟ ਦੀ ਯੋਜਨਾ ਬਣਾ ਰਹੀ ਹੈ ਅਤੇ ਵੈਨ ਡੁੱਬਣ ਹੇਠਾਂ ਜਾ ਰਹੀ ਹੈ.
ਉਸ ਨੇ ਕੌਰ ਦੇ ਸੱਜੇ ਦਰਸ਼ਕਾਂ ਨੂੰ ਕਿਹਾ, ”ਕੌা ਭਈਆ! ਰਾਮ-ਰਾਮ। ਤੁਹਾਨੂੰ ਪਿਆਰ ਕਰਦਾ ਹੈ?
ਕੋਈ ਜਵਾਬ ਨਹੀਂ ਦਿੱਤਾ।
ਲੋਮਬਰੀ ਫਿਰ ਬੋਲ, ”ਕੋਏ ਭਈਆ, ਅੱਜ ਤੁਸੀਂ ਬਹੁਤ ਚਮਕਦਾਰ ਅਤੇ ਸੁੰਦਰ ਲੱਗ ਰਹੇ ਹੋ। ਤੁਸੀਂ ਤਾਂ ਵਾਨੀ ਵੀ ਮਧੁਰ ਹੋ, ਤੁਸੀਂ ਦੋਵਾਂ ਪੱਖਾਂ ਦੇ ਰਾਜਾ ਬਣਨ ਦੇ ਯੋਗ ਹੋ. ਮगर ਜੰਗਲ ਦੇ ਇਸ ਮੂਰਖ ਪ
Hindi:
एक दिन एक कौआ पेड़ की ऊंची डाल पर बैठा रोटी खा रहा था। एक लोमड़ी ने उसे देखा तो उसके मुंह में पानी भर आया। उसने सोचा कि किसी प्रकार कौए से रोटी हड़पनी चाहिए।लोमड़ी की चालाकी तो जगप्रसिद्ध है।
उसने झटपट एक योजना बनाई और उसी पेड़ के नीचे जा पहुंची।
उसने कौए की ओर देखकर कहा, ”कौए भइया! राम-राम। आप अच्छे तो हैं?“
कौए ने कोई जवाब नहीं दिया।
लोमड़ी फिर बोली, ”कौए भइया, आज तो आप बहुत चमकदार और सुंदर लग रहे हैं। आपकी तो वाणी भी मधुर है, आप तो पक्षियों के राजा बनने के योग्य हैं। मगर जंगल के इन मूर्ख पक्षियों को कौन समझाए? जरा मुझे अपनी मीठी आवाज में एक गीत तो सुनाइए।“
अपनी झूठी तारीफ सुनकर मूर्ख कौआ घमंड में आ गया और बोला- ”धन्य…।“ उसने जैसे ही धन्यवाद देने के लिए अपनी चोंच खोली वैसे ही रोटी नीचे आ गिरी।
लोमड़ी ने लपककर रोटी उठाई और पलक झपकते ही नौ दो ग्यारह हो गई।
मूर्ख कौआ ताकता रह गया।
एक दिन एक कौआ पेड़ की ऊंची डाल पर बैठा रोटी खा रहा था। एक लोमड़ी ने उसे देखा तो उसके मुंह में पानी भर आया। उसने सोचा कि किसी प्रकार कौए से रोटी हड़पनी चाहिए।लोमड़ी की चालाकी तो जगप्रसिद्ध है।
उसने झटपट एक योजना बनाई और उसी पेड़ के नीचे जा पहुंची।
उसने कौए की ओर देखकर कहा, ”कौए भइया! राम-राम। आप अच्छे तो हैं?“
कौए ने कोई जवाब नहीं दिया।
लोमड़ी फिर बोली, ”कौए भइया, आज तो आप बहुत चमकदार और सुंदर लग रहे हैं। आपकी तो वाणी भी मधुर है, आप तो पक्षियों के राजा बनने के योग्य हैं। मगर जंगल के इन मूर्ख पक्षियों को कौन समझाए? जरा मुझे अपनी मीठी आवाज में एक गीत तो सुनाइए।“
अपनी झूठी तारीफ सुनकर मूर्ख कौआ घमंड में आ गया और बोला- ”धन्य…।“ उसने जैसे ही धन्यवाद देने के लिए अपनी चोंच खोली वैसे ही रोटी नीचे आ गिरी।
लोमड़ी ने लपककर रोटी उठाई और पलक झपकते ही नौ दो ग्यारह हो गई।
मूर्ख कौआ ताकता रह गया।
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