अनुच्छेद लिखिए = मेरा प्रिय शिक्षक
(Clue)
● ((मेरे प्रिय शिक्षक का नाम कंवरपाल सिंह है | हम लोग उसे केपी सिंह सार बुलाते हैं))
●{I am a girl}
● ((आप लोगों को अनुच्छेद लिखना है निबंध नहीं अनुच्छेद और निबंध में फर्क होती है))
■ I will Brainlist the best answer
■ Scam will be reported
Share
Answer: मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध 500 शब्दों में कुछ इस प्रकार है –
जब हम सबको कोरोना महामारी के दौरान किसी चीज की परेशानी होती थी, तो वे हमेशा हम सब की मदद करती थी। उन्होंने उस समय एक सोशल मीडिया ग्रुप को हम सभी स्टूडेंट्स की सहायता के लिए बनाया है, ताकि हमें जब कभी भी कोई संदेह हो तो हम उनसे सम्पर्क कर सकें। उन्होंने हमारी पढ़ाई में किसी तरह की दिक्कत नहीं आने दी, वे सुबह से ही ऑनलाइन क्लास शुरू करने से पहले हम सभी स्टूडेंट्स का हाल पूछती थी। उन्होंने इतनी परेशानी के समय भी स्टूडेंट्स की पढ़ाई से कोई समझौता नहीं किया। जब हमें कोई परेशानी हुई तो उन्होंने परीक्षा से पहले हमें अच्छे से गाइड किया ताकि हम अच्छे अंकों के साथ पास हो कर आगे बढ़ सकें।
परीक्षा से पहले देती थी एक्स्ट्रा क्लास
हमारे एग्जाम से पहले हमेशा वे हम सभी स्टूडेंट्स को एक्स्ट्रा क्लास देती थी, किसी स्टूडेंट्स को अगर किसी भी सब्जेक्ट में कोई परेशानी होती थी, तो वे उसको उस एक्स्ट्रा क्लास में सॉल्व करती थी। उनका प्रॉब्लम सॉल्व करने का तरीका इतना अच्छा होता था, की हम सब को लगता था की जिस चीज में हम इतना परेशान थे, वो इतनी छोटी सी चीज थी। वे प्रैक्टिकली चीजों को बताती थी।
स्टूडेंट को करती थी मोटिवेट
मेरी टीचर की एक बहुत अच्छी बात थी की जब कोई स्टूडेंट्स निराश होता था या वो डर के कारण उनसे कोई बात को नहीं पूछ पता था। तो वे उसके आत्मविश्वास को बढ़ती थी और उसे आगे बढ़ने की प्रेरणा देती थी। वे हमेशा कहती थी की किसी चीज से दर कर मत भागों हर चीज का सामना करो कोई चीज आपके आत्मविश्वास से बड़ी नहीं हो सकती है। अगर अपने किसी चीज को करने का लक्ष्य तय किया है तो उस लक्ष्य को मेहनत कर के प्राप्त करो। अगर सफलता एक बार नहीं मिली तो ऐसा नहीं है की कभी नहीं मिलेगी।
आपका फोकस होना चाहिए पूरी तरह से की आपको ये चीजे हासिल करनी है, चाहे मुझे दिन -रात एक करनी पड़ें। पूरी लगन से मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती है। उनके इन्हीं विचारों से हम सब स्टूडेंट्स का मनोबल बढ़ता है और हम और मेहनत करते हैं। शिक्षक हमेशा आत्मविश्वास को बढ़ाने वाला होना चाहिए, बहुत से टीचर जरा सी गलती पर स्टूडेंट्स को बहुत ज्यादा डिमोटिवेट कर देते हैं। जिससे स्टूडेंट्स को आ गये पढ़ने या स्कूल जाने का मन नहीं करता है और वे स्कूल जाने से कतराते है।
पढाई के साथ स्टूडेंट्स के मनोरंजन का भी रखती थी ध्यान
जैसे ही हमारे एग्जाम खत्म होते थे वे हम सभी को बहार घूमने ले जाती थी, स्कूल टूर पर ये सभी स्टूडेंट्स को बहुत प्यार से और बहुत सारे गेम खिलवती थी. उनका कहना था की पढ़ाई के साथ शारीरिक एक्टिविटी का होना भी जरुरी है। वे स्कूल के समय भी एक क्लास में हम सभी स्टूडेंट्स को कुछ न कुछ एक्टिविटी सिखाती थी। वे खुद को भी मोटिवेट करती थी और स्टूडेंट को भी हर चीज के लिए प्रेरित करती रहती थी। इसलिए वह मेरे पसंदीदा टीचर थी।
निष्कर्ष
हमें हमेशा अपने शिक्षकों का सम्मान करना चाहिए और आज हम जो कुछ भी हैं उसके लिए उन्हें धन्यवाद भी देना चाहिए। उनकी सिखाई हुई हर चीज को बहुत ही गंभीरता से लेकर आगे जीवन में बढ़ना चाहिए।
यह था मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध, My Favourite Teacher Essay in Hindi पर हमारा ब्लॉग। इसी तरह के अन्य निबंध से सम्बंधित ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।
Answer:
मेरा प्रिय शिक्षक केपी सिंह है। वह हमारे विद्यालय के एक अध्यापक हैं और मेरी कक्षा में हिंदी के अध्ययन के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम उन्हें सारे विद्यार्थियों ने 'केपी सिंह सार' कहकर अपना सम्मान दिखाया है।
केपी सिंह सार एक अद्वितीय शिक्षक हैं। उनका शिक्षा देने का तरीका हमें हमेशा प्रेरित करता है। उनकी मासूमियत और विद्यार्थियों के प्रति आत्मसमर्पण ने हमें एक नया दृष्टिकोण प्रदान किया है।
मैं एक लड़की हूँ और मेरा नाम [तुम्हारा नाम] है। केपी सिंह सार ने मेरे प्रति भी एक विशेष रूप से मातृभाव दिखाया है। वह हमें नहीं सिखाते हैं सिर्फ पढ़ाई, बल्कि जीवन में सफल होने के लिए भी कैसे तैयारी करें, यह भी सिखाते हैं।
केपी सिंह सार के साथ कक्षा में समय बिताना हमेशा अच्छा लगता है। उनकी कहानियों से हमें जीवन के मौलिक सिद्धांतों का सबक सिखने का अवसर होता है।
सम्मान, शिक्षा, और मातृभाव - ये सब केपी सिंह सार में हैं और इसी कारण वे मेरे लिए मेरे प्रिय शिक्षक हैं।
Explanation: