corona vaccine ka mehtva batate hue pita ji ko patra likhe
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Answer:
sure bro I can help you.
Explanation:
COVID-19 यानी कोराना वायरस के पहले के चार दशक को टेक्नोलॉजी सेक्टर में बड़े बदलावों के लिए जाना जाता था। सेल फोन और विमानों ने दुनिया भर के लोगों एक दूसरे से जोड़ दिया था। बैंकिंग और एंटरटेनमेंट सेवाएं अब बस एक क्लिक दूर थीं। हालांकि एंटरटेनमेंट या दूसरी सेवाओं से अधिक दुनिया भर के गरीबों की जिंदगी में अहम बदलाव लाने की टेक्नोलॉजी की असल क्षमता का विकास कोराना वायरस के आने के बाद ही हुआ।
उच्च मध्यम वर्ग और उससे ऊपर वर्ग के लोगों को जीवन के सभी पहलुओं में टेक्नोलॉजी से लाभ मिला था। हालांकि एक गांव में टमाटर उगाने वाले किसान या स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंचने की कोशिश कर रही एक गरीब परिवार की गर्भवती महिला के लिए यह अनुभव समान नहीं था।
COVID-19 ने दुनिया को 'रीसेट' बटन दबाने पर मजबूर कर दिया। गरीबों की अनदेखी करने के बजाय, दुनिया भर के कंपनियों ने महसूस किया कि असमानता को दूर करना अब तक का सबसे बड़ा और सबसे प्रभावशाली बिजनेस मौका था।
कुछ युवा संगठन पहले से इन असमानताओं को पाटने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन वे 2020 तक मुख्यधारा की कंपनी में नहीं शामिल थे। निश्चित रूप से उस वक्त वॉट्सऐप और फेसबुक जैसे सोशल प्रोडक्ट और साबुन, टूथपेस्ट आदि जैसे कंज्यूमर स्टेपल थे, जो दुनिया के सबसे गरीब तबके तक पहुंच गए थे। हालांकि आर्थिक और सामाजिक विभाजन को कम करने वाले माल, सेवाएं और टेक्नोलॉजी उनसे काफी दूर और उस दौरान बहुत कम थीं।
मुझे याद है कि तुम अपने दादा-दादी को कोरोना वायरस से बचाने के लिए कैसे हर दिन दरवाजे पर पहरेदारी किया करती थी। दुर्भाग्य से, बहुत से बुजुर्गों के पास तुम्हारी तरह देखभाल करने वाली एक पोती नहीं थी और उन्हें सभी तरह के लॉकडाउन के बीच अपनी सेहत के देखभाल के लिए संघर्ष करना पड़ता था।
हालांकि इसके बाद के दशक में, कंपनियों ने बुजुर्गों को स्वास्थ्य सेवा और होमकेयर के जरिए सेवा देने को न सिर्फ एक व्यवहारिक बल्कि एक आकर्षक बिजनेस मॉडल के तौर पर भी देखा। असल में, भारत की आज दो स्टार्टअप यूनिकॉर्न के मूल में यही आइडिया है।
2020 के बाद उद्यमियों ने मोबाइल आधारित सलाह के जरिए किसानों की आय बढ़ाने, टेलीमेडिसिन और होम टेस्टिंग डिवाइस के जरिए स्वास्थ्य सेवाओं को किफायती बनाने और कम लागत वाले डिजिटल कोर्स के जरिए बच्चों के सीखने की प्रक्रिया में सुधार लाने के लिए बिजनेस पर नए सिरे से काम किया। टेक्नोलॉजी गरीबी से लड़ने और भोजन, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी आवश्यक सेवाओं को अधिक न्यायसंगत बनाने के लिए एक प्रभावी उपकरण बन गया।