झम झम झम झम मेघ बरसते हैं सावन के,
छम-छम छम जिरती बूँदे तरुओं से हम के ।
त्रम-त्रम बिजली चमक रही रे उर में घन के,
थम-थम दिन के तम में सपने जगते मनं के ।
निम्न प्रश्नों के उत्तर एक- एक वाक्य मे दीजिए ।
1. सावन के मेघ कैसे बरसते हैं ?
2. तरुओं से क्या गिरती हैं ?
3. बिजली कहाँ चमक रही है ?
4. सपने कन जगते हैं ?
5. इस कविता के कवि कौन हैं ?
Share
Answer:
. सावन के मेघ कैसे बरसते हैं ?
तरुओं से क्या गिरती हैं ?
सपने कन जगते हैं ?