ननम्नलिखित काव्ाांश की सांदर्भ सहहत व्ाख््ा कीजजए--
रस्सी कच्चेधागेकी,
िीांच रही मैंनाव।
जानेकब सुन मेरी ऩुकार,
करेंदेव र्वसागर ऩार ।
ऩानी टऩके कच्चेसकोरे,
व्थभप्र्ास हो रहेमेरे।
जी मेंउठती रह-रह हूक,
घर जानेकी चाह हैघेरे।।
please guys it's urgent
don't scam...
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Answer:
hindi don't know how much longer
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