एकाएक तीन बजे रात को नींद खुली। नाभि के नीचे दाहिनी और पेट में मालूम पड़ता था, कोई बड़ी-बड़ी सुइयाँ लेकर कोंच रहा था। परंतु मुझे भय नहीं मालूम हुआ। क्योंकि ऐसे ही समय के लिए औषधियों का राजा, रोगों का रामबाण, अमृतधारा की एक शीशी सदा मेरे पास रहती है। मैंने तुरंत उसकी कुछ बूंदे पान की। दोबारा दवा पी। प्रशन 1) रात को लेखक की नींद क्यों खुल गई? 2)पेट दर्द के निवारण के लिए लेखक ने क्या किया? 3) ''अमृतधारा'' में समास विग्रह करो। 4) "सार्थकता" शब्द का वाक्य में प्रयोग कीजिए।
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निकल पहली फुरसत में निकल चल