समास भेद परिभाषा तथा पांच पांच उदाहरण सहित लिखिए
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Answer:
**समास (Samas):** संस्कृत व्याकरण में समास शब्दों का विशेष रूप है, जिसमें दो या दो से अधिक शब्दों को मिलाकर एक नये शब्द का निर्माण होता है। समास का उपयोग भाषा को सुंदर, सरल और संक्षेपित बनाने में किया जाता है।
**समास के प्रमुख भेद:**
1. **तत्पुरुष (Tatpurusha):** जिसमें समास का प्रधान शब्द किसी विशेष व्यक्ति, स्थान, या वस्त्र का बोधक होता है, उसे तत्पुरुष समास कहते हैं। उदाहरण: रामकृष्ण, गंगातीर्थ.
2. **बहुब्रीहि (Bahuvrihi):** जिसमें समास का प्रधान शब्द किसी व्यक्ति, स्थान, या वस्त्र का बोधक नहीं होता, बल्कि उसमें समास्य पद का सुचक होता है, वह बहुब्रीहि समास कहलाता है। उदाहरण: महादेव, नीलकण्ठ.
3. **कर्मधारय (Karmadharaya):** जिसमें समास का प्रधान शब्द किसी क्रिया या कारण का बोधक होता है, वह कर्मधारय समास कहलाता है। उदाहरण: आग्नेय, गजकर्ण.
4. **द्विगु (Dvigu):** जिसमें समास का प्रधान शब्द दो शब्दों से मिलकर बनता है, और उसका अर्थ तीनों शब्दों का होता है, वह द्विगु समास कहलाता है। उदाहरण: द्विजाति, द्विभुज.
5. **अव्ययीभावी (Avyayibhavī):** जिसमें समास का प्रधान शब्द किसी क्रिया, योग्यता, या स्थिति का बोधक होता है, वह अव्ययीभावी समास कहलाता है। उदाहरण: व्रतदान, धनराशि.
**उदाहरण:**
1. गंगा + आरती = गङ्गारति (तत्पुरुष)
2. वन + चर = वनचर (तत्पुरुष)
3. महा + आसन = महासन (तत्पुरुष)
4. सर्व + अंग = सर्वांग (तत्पुरुष)
5. हरि + अयण = हरयण (तत्पुरुष)
Explanation:
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