essay on Dr B.R Ambedkar in Hindi 300 words
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Answer:
दलित बौद्ध आंदोलन भारत में बाबासाहेब अम्बेडकर की अगुवाई में दलितों द्वारा किया गया एक आंदोलन था। यह आंदोलन अम्बेडकर जी के द्वारा 1956 में तब शुरू किया जब लगभग ५ लाख दलित उनके साथ सम्मलित हो गए और नवयान बौद्ध धर्म में परिवर्तित हो गए। यह आंदोलन बौद्ध धर्म से सामाजिक और राजनीतिक रूप से जुड़ा हुआ था, इसमे बौद्ध धर्म की गहराईयों की व्याख्या कि गई थी तथा नवयान नामक बौद्ध धर्म स्कूल का निर्माण किया गया था।उन्होंने सामूहिक रूप से हिंदू धर्म और जाति व्यवस्था का पालन करने से मना कर दिया। उन्होंने दलित समुदायों के अधिकारों को बढ़ावा दिया। उनके इस आंदोलन में बौद्ध धर्म के परंपरागत संप्रदायों जैसै, थेरावाड़ा, वज्रयान, महायान के विचारों का पालन करने से इंकार कर दिया। बाबासाहेब अम्बेडकर द्वारा बताए गए बौद्ध धर्म के नये रूप का पालन किया गया, जिसमे सामाजिक समानता और वर्ग संघर्ष के संदर्भ में बौद्ध धर्म को दर्शाया गया।अंबेडकर जी अपनी मृत्यु से कुछ हफ्ते पहले 14 अक्टूबर 1956 को नागपुर के दीक्षाभूमि में एक साधारण समारोह के दौरान उन्होने अपने लाखों समर्थकों के साथ बौद्ध धर्म अपना लिया क्योंकि कई लेख और किताबें प्रकाशित करने के बाद लोगों को यह पता चला गया था कि बौद्ध धर्म दलितों को समानता प्राप्त कराने का एकमात्र तरीका है। उनके इस परिवर्तन ने भारत में जाति व्यवस्था से पीड़ित दलितों के अंदर एक नई ऊर्जा का संचार किया और उन्हें समाज में अपनी पहचान बनाने और खुद को परिभाषित करने के लिए प्रेरित किया।
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