essay on man ke Hare Har hai man ke Jeete Jeet Hai in Hindi
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लज्जाशीलता या झेंप कईं बार रोग की सीमा तक पहुंच जाती है। इसे एक प्रकार का मानसिक रोग कहा गया है। परंतु है यह रोग केवल कल्पनाा की उपज ही। इस पर आसानी से विजय पाई जा सकती है। इसका उपाय यही है कि इस विचार को धकेलकर मन में बाहर कर दिया जाए और इसके विपरीत विचार को मन में स्थान दिया जाए ‘मुझे झेंपने की तनिक भी आवश्यकता नहीं। हर समय मेरी ही चेष्टाओं को देखने की फुर्सत लोगों के पास नहीं है।’ इस प्रकार के विचार मन की सारी दुर्बलतांए निकाल कर आदमी को निश्चय ही नया बल और स्फूर्ति देते हैं।