ऐतिहासिक उपन्यासों के नाम लिखिए
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ऐतिहासिक उपन्यास उपन्यास साहित्य की वह विधा है जिसमें किसी भी कालखंड विशेष की प्रख्यात् कथा का चित्रण हो।
वैसे तो किसी भी कालखंड विशेष का चित्रण ऐतिहासिक उपन्यास हो सकता है। रंगभूमि, बूंद और समुद्र, झूठा सच और उत्तरकथा भी अपने युग का प्रामाणिक चित्रण करने के कारण, ऐतिहासिक उपन्यास हो सकते हैं; किंतु ऐतिहासिक उपन्यास होने के लिए एक अनिवार्य शर्त है - उसकी कथा का प्रख्यात् होना, पाठकों का उससे पूर्व-परिचित होना।
उनके 'संगम' (1928), 'लगन' (1929), 'प्रत्यागत' (1929), और 'कुंडलीचक्र' (1932) सामाजिक उपन्यास और 'गढ़ कुंडार' ((1929), 'विराटा की पद्मिनी' (1936), 'झांसी की रानी' (1937), जैसे उपन्यास स्वतंत्रता के पहले और 'कचनार', 'मृगनयनी', 'अहिल्याबाई', 'भुवन विक्रम', 'माधव जी सिंधिया'.