निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर ऐसे चार प्रश्न तैयार कीजिए, जिनके उत्तर गद्यांश में
एक-एक वाक्य में हों।
चारों तरफ़ कुहरा छाया हुआ है । सुबह के नौ बज चुके हैं, लेकिन पूरी दिल्ली धुंध
में लिपटी हुई है । सड़कें नम हैं । पेड़ भीगे हुए हैं । कुछ भी साफ़ नहीं दिखाई देता ।
जिंदगी की हलचल का पता आवाज़ों से लग रहा है । ये आवाजें कानों में बस गई हैं।
घर के हर हिस्से से आवाजें आ रही हैं। वासवानी के नौकर ने रोज़ की तरह स्टोव जला
लिया है, उसकी सनसनाहट दीवार के उस पार से आ रही है। बगलवाले कमरे में अतुल
मवानी जूते पर पॉलिश कर रहा है। ऊपर सरदार जी मूंछों पर फिक्सो लगा रहे हैं। उनकी
खिडकी के परदे के पार जलता हुआ बल्ब बड़े मोती की तरह चमक रहा है । सब दरवाज़े
बंद हैं, सब खिडकियों पर परदे हैं लेकिन हर हिस्से में जिंदगी की खनक है । तिमंज़िले
पर वासवानी ने बाथरूम का दरवाज़ा बंद किया है और पाइप खोल दिया है।
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Answer:
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